
रायपुर (छग एमपी टाइम्स/31 मई 2024) :
कैशलेस चिकित्सा के लिए अब कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा संघ इसके लिए लगातार प्रयासरत है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले संगठन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिलकर कैशलेस चिकित्सा का मांग किया था। जिसपर स्वास्थ मंत्री से ठोस आश्वासन मिला था। स्वास्थ मंत्री ने कैशलेश चिकित्सा लागू करने के लिए प्रक्रिया बढ़ाते हुए सभी विभागों से एनओसी और अभिमत मांगा था लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद ये प्रक्रिया यहीं रुक गई थी। इसलिए कैशलेश चिकित्सा संघ आचार संहिता समाप्त होने के बाद उक्त प्रक्रिया को पुनः चालू करवाने के लिए प्रयास करेगा।
इसी तारतम्य में संघ सभी संभाग एवं सभी जिलों में अपना संयोजक नियुक्त कर रहा है। संघ के प्रदेश संरक्षक राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर सहित संघ के कार्यकारणी अध्यक्ष, प्रदेश संयोजक, प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव, कोषाध्यक्ष ने बताया कि सभी जिलों में संयोजक बनाने की प्रक्रिया शुरू है। अधिकांश जिलों में गठन किया गया जा चुका है। अन्य जिलों में भी प्रयास जारी है।
कैशलेश चिकित्सा लागू करने से चिकित्सा भत्ता की राशि करोड़ों रुपए प्रतिमाह शासन के खजाने में बचेगी
बता दें कि कैशलेश चिकित्सा लागू करने से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा अपितु इससे पीड़ित कर्मचारियों का आर्थिक शोषण रुकने से भ्रष्टाचार भी रुकेगा। क्योंकि चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि ईलाज के बाद शासन के द्वारा कर्मचारियों को एक लंबी कागजी प्रक्रिया के बाद दी जाती है लेकिन प्रतिपूर्ति की राशि निकालते निकालते कर्मचारियों के जूते घिस जाते हैं और इस बीच कर्मचारियों का आर्थिक शोषण भी जमकर होता है। इसलिए कैशलेश चिकित्सा लागू करने से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगा और शासन के द्वारा जो प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता कर्मचारियों को दिया जाता है, वो भत्ता की राशि करोड़ों रुपए प्रतिमाह शासन के खजाने में बचेगी। चूंकि सभी विभागों के कर्मचारियों को प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता दिया जाता है इसलिए स्वास्थ मंत्री ने कैशलेश चिकित्सा लागू करने से पहले सभी विभागों से एनओसी मांगा गया है, जिससे कि कैशलेश चिकित्सा लागू किए जाने के बाद वित्त विभाग के माध्यम से सभी विभागों के कर्मचारियों को मिलने वाला चिकित्सा भत्ता बंद किया जा सके।
इन्हें दी गई जिलों की जवाबदारी –
बिलासपुर सम्भाग से :-
1_सारंगढ़ बिलाईगढ़_ नन्द किशोर पटेल (जिला संयोजक) 2_ मुंगेली_ मनोज कश्यप (जिला संयोजक) 3_सक्ति_ अजय सिदार ( जिला संयोजक) 4_जांजगीर_ आशिष राज ( जिला संयोजक)
5_कोरबा_ अजय कुमार (जिला संयोजक)
6_रायगढ़_ पुष्पेंद्र बनाफर
बस्तर सम्भाग से :-
1_बीजापुर_ के.जी.तिवारी (जिला संयोजक) 2_ दंतेवाड़ा_ टीकम साहू (जिला संयोजक)
दुर्ग सम्भाग से :-
1_बेमेतरा_ कृष्णा उरांव (जिला सयोंजक)
2_बालोद_ कुंदन साहू (जिला संयोजक)
3_ दुर्ग_ रवि सिंघन दुपे (जिला संयोजक)
रायपुर सम्भाग से :-
1_महासमुंद_ प्रेमचंद डडसेना (जिला संयोजक)
2_धमतरी_ राजेंद्र कुमार वर्मा (जिला संयोजक) 3_ गरियाबंद_ सुनील कुमार सिंह (जिला संयोजक) 4_रायपुर_ हरिशंकर साहू (जिला संयोजक) 5_बलोदाबाजार_ विष्णुप्रसाद देवांगन (जिला संयोजक)
सरगुजा संभाग से :-
1_सूरजपुर_ पुरन सिंह (जिला संयोजक)
2_सरगुजा_ भोलानाथ पाण्डेय (जिला संयोजक)
