“महासंगम युवा संसद” के आयोजन में पूर्व विधायक एवं जीसीसी (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा : युवा सिर्फ इतिहास के पन्नों में दफन एक कहानी न बनें, बल्कि बाहर निकलें और खुद इतिहास लिखें, युवा मिलकर एक नए, मजबूत और समावेशी लोकतंत्र की नींव रखें, युवाओं को बिना हिंसा के एक स्पष्ट विजन के साथ देश को मुट्ठीभर लोगों की जागीर बनने से बचाना है…,जीपीएम जिले में हुआ पहली बार “महासंगम युवा संसद” का आयोजन….

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/25 अक्टूबर 2025) :
मल्टी परपज हायर सेकंडरी स्कूल पेण्ड्रा के असेंबली हॉल में शुक्रवार को पहली बार ‘महासंगम युवा संसद’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में जिले के अधिकतर स्कूलों, कॉलेजों तथा बाहरी संस्थानों से आए लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

लोकतांत्रिक देश में विधानसभा और लोकसभा से संबंधित कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से समझाने के लिए कार्यक्रम में विधानसभा एवं लोकसभा दो समितियों का गठन किया गया था, जिनमें प्रतिभागियों ने विभिन्न नेताओं की भूमिका निभाते हुए नीति-निर्माण एवं लोकतांत्रिक संवाद का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में शामिल युवाओं में आत्मविश्वास, वक्तृत्वकला और नेतृत्व क्षमता देखने को मिली।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक एवं जीसीसी (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने छात्रों को संसद की कार्यप्रणाली एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था की गहराई से जानकारी दी। अमित जोगी ने कहा कि, आज का दिन अविस्मरणीय है। जीपीएम जिले के पहले महासंगम यूथ पार्लियामेंट में हमारे युवाओं के जोश और सपने देखकर विश्वास हुआ कि हमारा भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि, यह समय लोकतंत्र में पूर्ण ताकतवर हस्तक्षेप करने का है। हमें मिलकर उस लोकतंत्र को “रीबूट” करना होगा जो आज एक ऐसी ऐप बनकर रह गया है जो ‘404 : गवर्नेंस नॉट फाउंड’ का एरर दिखाती है। हमें देश को कुछ मुट्ठीभर लोगों की जागीर बनने से बचाना है, और यह काम हिंसा से नहीं, एक स्पष्ट विजन से करना है।

अमित जोगी ने कहा कि, यह बात मैं उस पावन विद्यालय में कह रहा हूं, जहाँ मेरे पिता, छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी ने शिक्षा पाई थी। उनका जीवान ही एक रेजिस्टेंस मूवमेंट था। उन्होंने साबित किया कि शिक्षा और संकल्प से एक व्यक्ति सिस्टम के भीतर रहकर भी इतिहास बदल सकता है।

उन्होंने युवायों से कहा कि, ‘सिर्फ इतिहास के पन्नों में दफन एक कहानी मत बनो। बाहर निकलो और खुद इतिहास लिखो।’ उन्होंने सबसे मिलकर एक नए, मजबूत और समावेशी लोकतंत्र की नींव रखने की अपील की।

कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि शामिल होकर युवाओं का उत्साहवर्धन किए। इनमें प्रमुख रूप से नगर पालिका पेण्ड्रा व गौरेला के अध्यक्ष राकेश जालान व मुकेश दुबे, विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष हर्ष छाबरिया, भाजपा कोषाध्यक्ष रितेश फरमानिया, पंकज तिवारी, इकबाल सिंह, रामजी श्रीवास, अशोक शर्मा एवं अन्य जनप्रतिनिधि शामिल रहे।

इस आयोजन के मुख्य संयोजक व फाउंडर आनंद बजाज एवं उनके साथ विवान असनानी, अनन्या चतुर्वेदी, अनन्या दुबे, आर्ची अग्रवाल, आदित्य मलानी, माही मिश्रा, आदित्य फरमानिया, श्यामंतक दुबे, श्रुति मोटवानी, अंशुमान वैश्य, अंश ताम्रकार, अक्षत नामदेव, अक्षय प्रताप, तनमय केशरी, ज्ञान अग्रवाल, अमित राठौर, आयुष्मान शर्मा, अंशिका अग्रवाल, दिव्या चतुर्वेदी, प्रज्ञा चतुर्वेदी, धान्या गर्ग, प्रिंसी कोटवानी इत्यादि थे।

यह आयोजन जिले के युवाओं में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा संवाद, नेतृत्व एवं शोध कौशल को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल साबित हुआ।

