7 अगस्त को शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में डीपीआई दिव्या मिश्रा अपनी बातों में मुहर लगवाने में हुईं सफल और शिक्षक संगठनों पर कसीं नकेल…,शासन से मान्यता प्राप्त संगठन सप्ताह में किसी भी दिन मिल सकते हैं जबकि गैर मान्यता प्राप्त संगठन सिर्फ 2 दिन…,बैठक का मुख्य उद्देश्य व्याख्याता/प्राचार्य पदोन्नति की त्रुटि रहित प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी देना था…,शिक्षकों की छुट्टी फिलहाल ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया से स्वीकृत होंगे…

रायपुर (CG MP TIMES/08 अगस्त 2024) :
लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई रायपुर में 7 अगस्त 2024 को शाम 4 बजे शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक संचालक लोक शिक्षण दिव्या उमेश मिश्रा द्वारा आयोजित की गई थी। बैठक में डीपीआई दिव्या मिश्रा अपनी बातों में मुहर लगवाने में सफल हुईं और उन्होंने आए दिन डीपीआई आने वाले शिक्षक संगठनों पर नकेल भी कस दीं।

डीपीआई ने बैठक में स्पष्ट कर दिया कि शासन से मान्यता प्राप्त संगठन के प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव सप्ताह में किसी भी दिन डीपीआई से मिल सकते हैं। फिलहाल प्रदेश में सिर्फ 3 शिक्षक संगठन मान्यता प्राप्त हैं जिसमें छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस जिसके प्रदेश अध्यक्ष अनिल शुक्ला हैं एवं शिक्षक संघ जिसके प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह ठाकुर हैं तथा छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन जिसके प्रदेश अध्यक्ष राजेश चटर्जी हैं।

अन्य सभी शासन से गैर मान्यता प्राप्त संगठन के प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव सप्ताह में सिर्फ 2 दिन मंगलवार एवं गुरुवार को ही निर्धारित समय में डीपीआई से मिल सकेंगे। प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव को डीईओ से अनुमति लेकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

बता दें कि उक्त बैठक में मात्र एक सूत्रीय चर्चा थी कि राज्य स्तर पर व्याख्याता एवं प्राचार्य पदोन्नति की जो प्रक्रिया चल रही है, उक्त पदों के फीडिंग कैडर की अंतरिम वरिष्ठता सूची जारी हो गई है। अंतिम सूची जारी किया जाना है, इसलिए उस सूची में किसी भी प्रकार त्रुटि न रहे, इसलिए शिक्षक संगठन के अधिकतम 10 प्रतिनिधि संयुक्त संचालक स्तर पर सूची को देखकर वहीं पर त्रुटी में सुधार करा लें जिससे कि जल्द ही अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की जाए और डीपीआई कार्यालय में आए दिन शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों की भीड़ एकत्रित नहीं हो।

ऑन लाइन छुट्टी का मुद्दा बैठक के एजेंडा में नही था, किंतु कुछ प्रतिनिधियों ने ऑन लाइन अवकाश पर नेटवर्क एवं व्याहारिक कठिनाइयों का जिक्र किया, परंतु किसी भी प्रतिनिधि ने ऑन लाइन छुट्टी के आवेदन का डीपीआई के समक्ष विरोध नहीं किया। इस मामले में सिर्फ अनुरोध किया गया, जिस पर डीपीआई ने कहा कि ऑन लाइन अवकाश की योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा के सभी कार्यालय में हो चुका है अतः स्कूलों में शिक्षको के लिए यह लागू रहेगा। उन्होंने इस पर तर्क दिया कि यह योजना शिक्षकों के लंबित अवकाश प्रकरण को खत्म करने के लिए है, साथ ही ऑनलाइन का कार्य सिर्फ अवकाश तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें शिक्षकों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, अचल संपत्ति का विवरण आदि का रख रखाव रहेगा, जिससे पदोन्नति की सतत प्रक्रिया चलेगी। वहीं वार्षिक सीआर नहीं लिखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। डीपीआई ने कहा कि, ऑनलाइन अवकाश में जो व्यवहारिक कठिनाई आएगी उसको ठीक किया जायेगा। उन्होंने यह व्यवस्था भी दी कि, अभी शिक्षकों को अवकाश आवेदन ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन आवेदन देने की छूट रहेगी।

समस्त शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने डीपीआई द्वारा मीटिंग की पहल का स्वागत किया एवं आभार व्यक्त किया तथा जो शिक्षक संगठन अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर आए थे, उन संगठनों ने अपना ज्ञापन डीपीआई को दिया।

बैठक में डीपीआई कार्यालय के अधिकारी आशुतोष चावरे, एएन बंजारा, प्रवीण श्रीवास्तव उपस्थित थे। बैठक में शिक्षक संगठनो में शासन से मान्यता प्राप्त संगठन से अनिल शुक्ला प्रांताध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस, ओंकार सिंह ठाकुर प्रांताध्यक्ष शिक्षक संघ, राजेश चटर्जी प्रांताध्यक्ष शिक्षक फेडरेशन, शासन से गैर मान्यता प्राप्त संगठनों में टीचर्स एसोशियेशन से प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा व संतोष सिंह, शालेय शिक्षक संघ से प्रांताध्यक्ष विरेंद्र दुबे, संयुक्त शिक्षक संघ से प्रांताध्यक्ष केदार जैन और गिरिजाशंकर शुक्ला, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन से बसंत कौशिक व ईश्वर चंद्राकर, शिक्षक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राज नारायण द्विवेदी, छत्तीसगढ़ व्याख्याता पदोन्नति समिति से मुकुंद उपाध्याय, ट्राइबल एजुकेशन एकीकृत संघ से प्रीतम कोसले सहित 15 शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।