पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/25 जुलाई 2024) :
भारत देश की आजादी के 25 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार के आदेश पर 15 अगस्त 1972 को शिलालेख लगवाया गया था, जिसमें भारत देश के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बने हुए हैं और संविधान की प्रस्तावना लिखी हुई है। इस शिलालेख में क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और सेनानियों के नाम लिखे जाने थे। लेकिन जनपद पंचायत गौरेला और शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल मरवाही (वर्तमान में सेजेस अंग्रेजी माध्यम स्कूल मरवाही) प्रबंधन के अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरतते हुए शिलालेख में नाम लिखने के स्थान को रिक्त छोड़कर रखा है, जबकि इसी दौरान मल्टी परपज हायर सेकेण्डरी स्कूल पेण्ड्रा में भी शिलालेख लगवाया गया था, जिसमें क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम ससम्मान रंग रोगन कराकर लिखे हुए हैं।

बता दें कि भारत देश की आजादी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर देश के शहीदों एवं सेनानियों के सम्मान में पूरे देश में शिलालेख लगवाये गए एवं स्वतंत्रता सेनानियों को “ताम्र पत्र” से सम्मानित किया गया। अविभाजित बिलासपुर जिले के रिकार्ड रूम में जिले के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं। उसी रिकार्ड में से जनपद पंचायत गौरेला और तत्कालीन हायर सेकेण्डरी स्कूल व वर्तमान स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मरवाही प्रबंधन के द्वारा क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लेकर शिलालेख में लिखवाया जाना था। परन्तु उन्होंने नहीं लिखवाया।

उस दौरान मल्टी परपज हायर सेकेण्डरी स्कूल पेण्ड्रा में भी शिलालेख लगवाया गया था, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम लिखे हुए हैं एवं स्कूल प्रबंधन के द्वारा उक्त शिलालेख का ससम्मान रंग रोगन भी प्रति वर्ष कराया जाता है।
जबकि जनपद पंचायत गौरेला के अधिकारी और हायर सेकेण्डरी स्कूल मरवाही प्रबंधन ने घोर लापरवाही बरतते हुए शिलालेख में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं लिखवाए हैं। इस मामले में जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधि की लापरवाही भी दिख रही है कि उन्होंने भी इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। जबकि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को यह सोचना चाहिए कि स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत ही देश को आजादी मिली थी।
भारत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को “ताम्र पत्र” से सम्मानित किया था
मल्टी परपज हायर सेकेण्डरी स्कूल पेण्ड्रा में लगे शिलालेख में क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और सेनानियों का नाम लिखा हुआ है। इस सभी स्वतंत्रता सेनानियों को उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें “ताम्र पत्र” से सम्मानित किया था और उन्हें जीवन पर्यन्त पेंशन दिया जाता था।

शिलालेख में संविधान की प्रस्तावना लिखा है
शिलालेख में भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी लिखी गई है कि, हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

कलेक्टर के आदेश की अवहेलना
जनपद पंचायत गौरेला एवं सेजेस मरवाही में लगे शिलालेख में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं लिखवाए जाने से कलेक्टर के आदेश की अवहेलना हो रही है। बता दें कि दो वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर बीसी एक्का से परीक्षण कराने के बाद जिले के सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम ससम्मान जिले के समस्त शिलालेखों में लिखने का आदेश जारी किया था। उक्त आदेश का पालन जनपद पंचायत गौरेला एवं सेजेस मरवाही के द्वारा नहीं किया गया।
परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही करेंगे – कलेक्टर
इस सम्बन्ध में जीपीएम जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने कहा कि इस मामले में परीक्षण कराकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
जिले के स्वतंत्रता सेनानियों का नाम लिखने की मांग कलेक्टर से की गई है – गणेश जायसवाल
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्वनाथ कलार (जायसवाल) के परिवार के सदस्य पेण्ड्रा निवासी गणेश जायसवाल ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के नाम की जगह को रिक्त छोड़ना घोर लापरवाही है। भारत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में भारत देश की आजादी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर शिलालेख लगवाया था। उन्होंने कहा कि इस संबन्ध में कलेक्टर को अवगत कराकर जिले के स्वतंत्रता सेनानियों का नाम लिखने की मांग की गई है।