51 राष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को कड़ाके की ठंड में ट्रेन के टॉयलेट के पास गंदगी में बैठकर दिल्ली से पेण्ड्रारोड तक 17 घंटे का सफर तय करना पड़ा, बड़ी संख्या में ट्रेनों का कैंसिल होना भी परेशानी का कारण बना, वहीं अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई

पेण्ड्रा/रायपुर (छ.ग. एम.पी. टाइम्स/23 दिसम्बर 2023) : राष्ट्रीय खेल में भाग लेने दिल्ली गईं छत्तीसगढ़ की महिला खिलाड़ियों का रिजर्वेशन टिकट कन्फर्म नहीं होने के कारण इन महिला खिलाड़ियों को कड़ाके की ठंड में ट्रेन के टॉयलेट के पास गंदगी में बैठकर दिल्ली से पेण्ड्रारोड तक का 17 घंटे का सफर तय करना पड़ा। यदि महिला खिलाड़ियों के लिए ट्रेन में रिजर्वेशन मिलता तो उन्हें इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती। बड़ी संख्या में ट्रेन कैंसिल होना भी इस परेशानी का कारण बना। वहीं खिलाडियों की सुविधा के लिए शासन से मिलने वाली राशि पर राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों की गिद्ध दृष्टि होने से ये अधिकारी लापरवाही भी किया करते हैं जिसके कारण महिला खिलाड़ियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए इस तरह के मामले में भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों पर भी शासन द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए।

खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से प्रदेश और देश का नाम रोशन करते हैं। लेकिन उन्हें सही ठंग से खाने-पीने और आने जाने जैसी व्यवस्था नहीं मिले तो ये उनके साथ यह बड़ा अन्याय है। ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है, जिसमें कड़के की ठंड में महिला खिलाड़ियों को दिल्ली से पेण्ड्रारोड तक छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन में टॉयलेट के पास फर्श पर बैठकर सफर करना पड़ा। टॉयलेट की गंदी बदबू के बीच बैठकर महिला खिलाड़ियों को सफर करना पड़ा।

बता दें कि 14, 17 और 19 वर्ष आयु वर्ग के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें छत्तीसगढ़ की 51 महिला खिलाड़ी भाग लेने गई थीं। दिल्ली से वापस प्रदेश आने के लिए खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति ट्रेन में भेड़-बकरियों की तरह सफर करना पड़ा। सभी छात्राएं हजरत निजामुद्दीन से पेण्ड्रारोड रेलवे स्टेशन तक का सफर बोगी में नीचे बैठकर की। जो कि खिलाड़ियों के लिए ठंड के मौसम में बेहद कठिन और कष्टदायक अनुभव रहा। राष्ट्रीय खेल जैसे मामलों में शासन को भी चाहिए कि यदि सामान्य प्रक्रिया से रिजर्वेशन कन्फर्म न हो तो वीआईपी कोटे से रिजर्वेशन की सुविधा खिलाड़ियों को दिलाई जानी चाहिए जिससे कि उन्हें 17-17 घण्टे का कष्टप्रद सफर न करना पड़े क्योंकि इससे उनका खेल भी प्रभावित होता है।