अमरकंटक।अनूपपुर।पेण्ड्रा (छग एमपी टाइम्स/12 मई 2024)
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रविवार को गीता स्वाध्याय मंदिर में अमरकंटक के अनेक आश्रमों के संत मंडली एकत्रित होकर आदि गुरु शंकराचार्य जी का मंत्रोचार करते हुए दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पण पश्चात आरती कर जन्म दिवस मनाया गया।
अनेक आश्रमों के संत, आचार्य और महंत सभी ने उन्हें याद किया और उनके बताए सन्मार्ग में चलने की प्रेरणा ली। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णानंद महाराज ने अपने वक्तव्य में बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य जी का आज जन्म दिवस है। पूरे देश में उनकी जयंती वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। आदि गुरु शंकराचार्य जी का जन्म 11 मई 788 ईस्वी के दौरान केरल के कालाडी में हुआ था। उन्होंने 4 दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी। उत्तर में ज्योतिशपीठ बद्रिकाश्रम, दक्षिण में श्रंगेरीपीठ, पूरब में पुरी गोवर्धन पीठ और पश्चिम के द्वारिका में शारदा पीठ।
उन्होंने यह 4 मठों की स्थापना धर्म, संस्कृति और देश की सुरक्षा के लिए की थी। आदि गुरु शंकराचार्य जी ने अल्प आयु में ही वेदों का ज्ञान ले लिया था। पूरे देश में भ्रमण कर अपने ज्ञान की रोशनी से लोगों को जाग्रत किया था। आदि शंकराचार्य जी के जन्म दिवस अवसर पर आचार्य रामकृष्णानंद, महाराज मारकंडे आश्रम, महंत स्वामी नर्मदानंद पुरी, महाराज गीता स्वाध्याय मंदिर, महंत स्वामी लवलीन महाराज परमहंस धारकुंडी आश्रम, स्वामी धर्मानंद महाराज कल्याण सेवा आश्रम, स्वामी महेश चैतन्य महाराज तुरी आश्रम, स्वामी हनुमान दास महाराज बांधा, स्वामी विवेकगिरी महाराज गौर कापा छत्तीसगढ़, स्वामी अमृतानंद (गीता आश्रम), स्वामी रेवा शंकर पुरी महाराज मृत्युंजय आश्रम, स्वामी शिवानंद महाराज धूनीवाले दादा खंडवा, पंडित राम नरेश, दिनेश साहू, श्रवण उपाध्याय इत्यादि प्रमुख संतगण और भक्तगण मिलकर जयंती मनाई गई।