
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/30 मई 2024) :
खनिज विभाग से मिलीभगत करके मध्य प्रदेश रेत तस्करी करने के लिए बनाए गए भण्डारण स्थल को प्रशासन ने सील कर दिया है। रतनपुर से रेत लाने और 105 किलोमीटर दूर मरवाही के पीपरडोल गांव में सोन नदी के किनारे प्लॉट किराए पर लेकर भण्डारण करने का फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। इस फर्जीवाड़ा के आड़ में सोननदी से रेत का उत्खनन करके भण्डारण का मध्य प्रदेश रेत तस्करी किया जा रहा था और रतनपुर के खदान की रॉयल्टी पर्ची का उपयोग किया जा रहा था। शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर भण्डारण स्थल की जांच कर सील करने की कार्यवाही की गई है। इस पूरे मामले में रतनपुर के खदान से जारी किए गए रॉयल्टी पर्ची में दर्ज वाहन का पर्ची में लिखे हुए दिनांक से बसंतपुर, पेण्ड्रा, कोटमी तिराहे सहित उक्त मार्ग में अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से जांच किया जाएगा तो स्पष्ट हो जाएगा कि रतनपुर के खदान से रेत कभी नहीं लाया गया, बल्कि सोन नदी के रेत को अवैध रूप से खनन करके भण्डारण किया जाता रहा है, जिससे जीपीएम जिले के खनिज विभाग और रेत तस्कर की मिली भगत भी साबित हो जायेगी।

बता दें कि जीपीएम जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी के निर्देशानुसार जिले में खनिजों के अवैध रूप से उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही की जा रही है। इसी के तहत मरवाही तहसील के ग्राम पीपरडोल स्थित खनिज रेत के अवैध भण्डारण अनुज्ञा के संबंध मे लगातार प्राप्त हो रहे शिकायतों पर खनिज, राजस्व, पुलिस एवं वन विभाग की टीम द्वारा संयुक्त रूप से जाँच की गई। जांच के दौरान भण्डारण शर्तो का उल्लंघन पाए जाने पर पीपरडोल स्थित रेत भण्डारण स्थल को सीज कर दिया गया है।
मरवाही के एसडीएम दिलेराम डाहिरे ने बताया कि संयुक्त दल द्वारा की गई मौका जाँच में पीपरडोल रेत भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वदेश पाल निवासी ग्राम बरौर, तहसील मरवाही को स्वीकृत है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा संधारित रजिस्टर एवं स्थल पर प्राप्त खनिज की मात्रा मे अंतर, भण्डारण स्थल पर भण्डारण शर्तों के उल्लंघन और अनियमितता पाए जाने पर भण्डारण स्थल को सीज कर मौजूद स्टॉक को जप्त किया गया है।

मध्य प्रदेश रेत तस्करी करने वालों के कारण पीएम आवास सहित निजी निर्माण करने वाले जिलेवासी रेत की किल्लत से परेशान
बता दें कि जीपीएम जिला छत्तीसगढ़ राज्य का एक ऐसा जिला है, जहां एक भी रेत खदान आबंटित नहीं हैं। इसलिए शासन प्रशासन के निर्देश पर पीएम आवास, पंचायत स्तर पर एवं अन्य शासकीय निर्माण कार्यों के लिए रेत का उत्खनन स्थानीय स्तर पर करके ट्रैक्टर के माध्यम से निर्माण स्थलों पर सप्लाई किया जा रहा था। इस आड़ में कुछ रेत तस्कर रतनपुर से रेत लाकर भण्डारण की अनुमति लेकर सोन नदी का रेत अवैध उत्खनन शुरु कर डंफर से मध्य प्रदेश रेत तस्करी करने लगे। इसे जिले में रेत की किल्लत होने लगी जिसके कारण जीपीएम जिले में पीएम आवास सहित निजी निर्माण करने वाले जिलेवासी रेत की किल्लत से परेशान होने लगे।

सोन नदी क्षेत्र के तीन ग्राम पंचायतों देवरीडांड, कोलबिर्रा और पथर्रा में स्वीकृत रेत खदान शुरु करने की उठ रही मांग
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 8 फरवरी 2024 को कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा द्वारा छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 के तहत मरवाही विकासखंड में सोन नदी क्षेत्र के तीन ग्राम पंचायतों-देवरीडांड, कोलबिर्रा और पथर्रा को खनिज रेत खदान घोषित किया गया था। गौण खनिज नियम के तहत खनिज रेत के उत्खनन पट्टा हेतु 8 ग्राम पंचायतों से ग्राम सभा के प्रस्ताव सहित आवेदन खनिज कार्यालय में प्राप्त हुये थे, जिनमें से तीन ग्राम पंचायतों देवरीडांड, कोलबिर्रा और पथर्रा को खनिज रेत खदान घोषित किया गया था और शेष आवेदनों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। घोषित किये गये खदानों में ग्राम पंचायत सचराटोला के ग्राम देवरीडांड पटवारी हल्का नंबर 22 के खसरा नंबर 335 एवं रकबा 12.578 हेक्टेयर में से 2.90 हेक्टेयर क्षेत्र में, ग्राम पंचायत पथर्रा के ग्राम कोलबिर्रा पटवारी हल्का नंबर 02 के खसरा नंबर 40, 01, 18, 69 एवं कुल रकबा 11.514 हेक्टेयर में से 3.721 हेक्टेयर क्षेत्र में और ग्राम पथर्रा, पटवारी हल्का नंबर 02 के खसरा नं. 01 एवं रकबा 1.6720 हेक्टेयर क्षेत्र में से 1.32 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल हैं। उपरोक्त स्वीकृत रेत खदान को जल्द शुरु करने एवं शेष 5 ग्राम पंचायतों में भी जल्द ही रेत खदान स्वीकृत करने की मांग जिले वासियों द्वारा जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से किया गया है जिससे कि रेत की किल्लत से लोगों को मुक्ति मिले और शासन को राजस्व की प्राप्ति हो सके।