
रायपुर।सरगुजा (छग एमपी टाइम्स/19 मार्च 2024) :
शासन के द्वारा बच्चों को अच्छे से अच्छा गुणवत्ता पूर्ण भोजन खिलाने के लिए जहां एक ओर सामुदायिक भागीदारी के लिए न्यौता भोज जैसा अच्छा योजना लागू किया गया है, वहीं दूसरी ओर स्कूली बच्चों को परोसे गए भोजन के साथ दिए गए अचार में मरा हुआ मेंढक मिलने का मामला भी सामने आने से विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों के भोजन में की जा रही मनमानी एवं गंभीर लापरवाही की पोल भी खुल गई है।
मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में केन्द्रीय सहायता से संचालित किए जाने वाले एकलव्य आवासीय विद्यालय रामानुजगंज का है। यहां बच्चों को भोजन के साथ भरोसे गए मिक्स अचार के डिब्बे में से मरा हुआ मेंढक निकला है। इससे विद्यालय प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है कि वह किस तरह की क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल बच्चों के खाने के लिए करते हैं।
इसी आवासीय विद्यालय में एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें एक्सपायरी डेट के बेसन का पकौड़ा बनाते हुए दिखाया गया है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग बता रहे हैं कि बेसन को एक्सपायर हुए 3 महीना बीत चुका है। उसके बाद भी उनकी बातों को अनदेखा करके उसी बेसन से पकौड़ा बनाकर बच्चों को खिला दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले को रामानुजगंज के एसडीएम देवेंद्र प्रधान ने बहुत ही गंभीरता से लिया है और इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।
बता दें कि आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए केन्द्रीय सहायता से संचालित किए जाने वाले एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाती है जिसके संचालन के लिए राज्य सरकार को अलग से आबंटन दिया जाता है। जिससे कि आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को कोई परेशानी न हो। लेकिन लालची और मानवता को तार तार कर चुके विद्यालय प्रबंधन के लोग बच्चों की थाली में डाका डालने के साथ ही उनके स्वास्थ से भी खिलवाड़ किया करते हैं।