सावधान : फ्री डाटा का लालच देकर चौक चौराहे पर सिम बेचने वाले आपसे आईडी लेकर ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों को आपके नाम का सिम बेच देते हैं, जिससे खेला जाता है करोड़ों रुपए का सट्टा…,ऐसे ही मामले में 6 सटोरियों की गिरफ्तारी से हुए हैं कई खुलासे…,किराए के खाता नंबरों का भी हुआ खुलासा…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/25 मई 2024)
फ्री डाटा के लालच में चौक चौराहे पर सिम बेचने वालों से सिम खरीदने वालों को सावधान हो जाना चाहिए। आईडी लेकर और थंब लगवाकर सिम बेचने वाले आपके नाम का सिम एक्टिवेट कर लेते हैं और आपको कहते हैं कि सिम एक्टिवेट नहीं हुआ है। जबकि सिम एक्टिवेट करके उसे ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों को बेच दिया जाता है और जब पूछताछ करते पुलिस आपके घर आती है तब पता चलता है कि आपके सिम से करोड़ों रुपए का सट्टा खेला जा चुका है। ऐसे ही मामले में 6 सटोरियों को गिरफ्तार किया गया है। सिम का स्टॉल लगाकर हजारों सिम बेचने वाले को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। सभी आरोपियों के विरूद्ध ठगी, कूट रचना, आपराधिक षडयंत्र समेत आईटी एक्ट की धाराओं में कार्यवाही की गई है। सटोरियों से किराए के खाता नंबरों का भी हुआ खुलासा हुआ है जिसमें भारी भरकम रुपयों का लेनदेन हुआ है।

पेण्ड्रा पुलिस ने सटोरियों के सिम सप्लायर और किराए पर खाता देने वालों पर कड़ी कार्यवाही की है। सभी पर ठगी कूट रचना आपराधिक षडयंत्र समेत आईटी एक्ट की धाराओं में कार्यवाही की गई है। ग्राहकों को धोखा देकर उनकी आईडी से सिम जेनरेट कर सटोरियों को सिम सप्लाई करने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सटोरियों को किराए पर अपने खातों का उपयोग करने सट्टे का पैसा खाते में लेने वाले युवक भी गिरफ्तार किए गए हैं। रकम ट्रैक करने बुकी को फर्जी तरीके से मिले सिम नंबर को अपने खातों में लिंक कराकर रखा गया था जिससे सट्टे में मिलने वाले पैसों की जानकारी मिल सके। इस मामले में 6 आरोपियों की गिरफ्तारी कर कई मोबाइल सटोरियों के कई सिम और उनसे जुड़ी बैंक जानकारियां बरामद हुई हैं। सभी आरोपियों के विरूद्ध थाना पेण्ड्रा में अपराध क्र.157/2024 धारा 06, 07 छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022, 08 छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 एवं 420, 465, 467, 468, 471, 120(बी) भा.द.वि.एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66(सी), 66(डी) दर्ज करके न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

हाईटेक सट्टा खिलाने के मामले में पेण्ड्रा पुलिस ने शुक्रवार को 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें अजय यादव आयु 27 वर्ष पतगवां, जितेन्द्र कुमार सोनवानी आ. सुदामा प्रसाद आयु 23 वर्ष पता बड़का मोहल्ला ग्राम बरवासन, राज कुमार कश्यप आ. गंगाराम कश्यप आयु 40 वर्ष पता ग्राम कुड़कई, राहुल कोरी आ. सुरेश कोरी आयु 24 वर्ष पता डाईट कॉलोनी पेण्ड्रा, अनुराग सोनी आ. संतोष सोनी आयु 19 वर्ष पता ग्राम बंधी, योगेश देवांगन आ. स्व. संतोष कुमार देवांगन पता सकर्रा थाना मालखरौदा जिला सक्ती, फूटहाबांध रोड अमरपुर शामिल हैं। सभी जेल भेज दिए गए हैं।

बता दें कि कुछ दिन पहले स्काई एक्सचेंज राजा रानी ऐप के जरिए ऑनलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वालो की जानकारी प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देश पर साइबर सेल एवं पेण्ड्रा थाना के द्वारा हर्ष जायसवाल और प्रकाश केवट पर थाना पेण्ड्रा में कार्यवाही की गई थी। जिसमें एक आरोपी रितेश सुलतानिया मौके से भागने में कामयाब हो गया था जो आज दिनांक तक फरार है। जिसके जप्त मोबाइल से मिली जानकारियों के आधार पर जीपीएम पुलिस ने सटोरियों को किराए पर अपने खातों का उपयोग करने हेतु देने वाले और सट्टे का पैसा खाते में लेने वाले युवक गिरफ्तार किए गए हैं। इन युवकों के खाते में आई रकम ट्रैक करने बुकी को फर्जी तरीके से मिले सिम नंबर को करा रखा था अपने खातों में लिंक ताकि सट्टे में मिलने वाले पैसों की जानकारी मिल सके। सट्टे की रकम हेतु हायर किए खाते की पासबुक चेकबुक और एटीएम रख लिया करते हैं सट्टा खिलाने वाले बदले में कभी पांच हजार तो कभी दस हजार इनको दिया करते हैं।
                    
वहीं जब सट्टा खाईवाल रितेश द्वारा इस्तमाल किए जा रहे नंबरों की जानकारी ली गई तब लोकेशन पता करते हुए साइबर सेल की टीम पेण्ड्रा के एक युवक के पास पहुंची जिसे उसके नाम से सिम जारी होने का जरा भी जानकारी नहीं था। जिसने बताया कि पेण्ड्रा का एक युवक योगेश देवांगन कुछ माह पहले पीएनबी बैंक के पास सिम बेचने का स्टाल लगाया था जहां एक माह के लिए अनलिमिटेड डाटा इत्यादि जैसे लुभावने ऑफर्स के साथ वह सिम बेच रहा था। युवक जब योगेश देवांगन के स्टाल गया तो योगेश ने दो बार उससे थंब इंप्रेशन की पंचिंग और फोटो करवाई जिसमें पहले बार एक्टिवेशन न होने पाने की बात कही। फिर युवक को एक सिम देकर दो दिन बाद चालू हो जाएगा कहकर भेज दिया जो बाद में एक्टिवेट भी नहीं हुआ। उक्त बयान के आधार पर योगेश देवांगन को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह इसी तरह स्टाल में आए भोले भाले ग्राहकों के नाम सिम एक्टिवेट करने के बहाने सट्टा खाईवालों के लिए सिम पोर्ट कर देता है और इस तरह आम ग्राहकों की आईडी भ्रमित करके सिम अलॉट करने हासिल करता है जिससे वह हजारों सिम एक्टिवेट कर चुका है। उसके बताए अनुसार रितेश सुलतानिया समेत कुछ अन्य सट्टे का कारोबार करने वाले इससे सिम खरीदते हैं जिसे वह 150 से 200 रुपए प्रति सिम लाभ कमाकर बेच देता है। फिलहाल जीपीएम पुलिस आरोपी योगेश का पुलिस रिमांड लेकर और पूछताछ कर रही है जिसमे योगेश के अन्य फर्जी सिम के खरीददारों के नाम सामने आने की संभावना है।

बहरहाल कुल 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जिनसे बरामद हुए कई मोबाइल, सटोरियों के कई सिम और उनसे जुड़ी बैंक जानकारियां पुलिस टटोल रही है। योगेश देवांगन की पुलिस रिमांड और अन्य सभी पांच आरोपियों पर ठगी कूट रचना आपराधिक षडयंत्र समेत आईटी एक्ट की धाराओं में कार्यवाही करते हुए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।