समय की मांग : सिर्फ 4 एलबी संवर्ग शिक्षक संगठन नहीं, सभी एलबी संगठनों का मोर्चा में शामिल होना जरूरी…,प्रदेश नेतृत्वों के आपसी मतभेद से नुकसान पर नुकसान उठाते जा रहे एलबी शिक्षक…,युक्तियुक्तकरण का सेटअप रद्द करने और पूर्व सेवा गणना के आधार पर क्रमोन्नति से वेतन विसंगति दूर कराने, पूर्ण पेंशन के लिए एकता जरूरी…,मध्य प्रदेश की तरह पूर्व सेवा गणना-क्रमोन्नति एलबी संवर्ग का अधिकार…

रायपुर (CG MP TIMES/16 अगस्त 2024) :
एलबी संवर्ग शिक्षक के 4 संगठनों ने जो संयुक्त मोर्चा बनाया है, इन संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों का दायित्व बनता है कि, ये सार्वजनिक अपील करके सभी शिक्षक संगठनों को एक मंच पर लेकर आएं। सिर्फ 4 संगठनों के एक होने से एलबी शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण में नहीं होने वाला है। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर जो अव्यवहारिक सेटअप जारी किया है या आकस्मिक अवकाश जैसे छुट्टी को भी ऑनलाइन आवेदन करने का आदेश दिया है इससे संपूर्ण शिक्षक जगत आक्रोशित तो है ही और अपना अपना विरोध दर्ज करने के लिए उचित नेतृत्व और मंच का इंतजार सभी शिक्षक कर भी रहे हैं, लेकिन सभी आम शिक्षकों का कहना है कि, पिछला 5 साल आपसी मनमुटाव, आपसी वर्चस्व, आपसी मतभेद के कारण की एलबी संवर्ग शिक्षकों की समस्याओं में वृद्धि हुई है। गुटों में बंटा एलबी शिक्षक संगठन समस्याओं से किसी भी एलबी शिक्षक को कोई राहत नहीं दिला पाया है।

युक्तियुक्तकरण की लड़ाई के लिए बने मोर्चा के नेता आने वाले 5 साल के लिए ठोस रणनीति बनाते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान से वेतन विसंगति दूर कराना और समस्त एलबी संवर्ग शिक्षकों को पूर्ण पेंशन का अधिकार दिलाना, यह सभी एलबी संवर्ग संगठनों की प्राथमिकता में तो है, लेकिन इसके लिए सभी संगठन को एकजुट होकर एक मंच पर आना भी होगा। इसके लिए जो 4 संगठनों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया है, अब उन 4 संगठनों के नेताओं का दायित्व बनता है कि, कोई भी एलबी शिक्षक छुटने ना पाए और सभी एक मंच में एक बैनर के नीचे आएं।

इसके लिए सभी एलबी नेता बड़ा दिल दिखाते हुए सबको जोड़ने का प्रयास करें, तो निश्चित तौर पर ही एलबी संवर्ग की बहु प्रतीक्षित मांगों को मानने के लिए छत्तीसगढ़ शासन को मजबूर होना पड़ेगा।

बता दें कि “मोदी की गारंटी” के नाम से भाजपा ने जो चुनावी घोषणा पत्र विधानसभा चुनाव में जारी किया था, उसमें एलबी संवर्ग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने की घोषणा भी शामिल है। वेतन विसंगति के मामले में उल्लेखनीय बात यह भी है कि सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति पूर्व सेवा गणना और क्रमोन्नत वेतनमान के बिना दूर हो ही नहीं सकता। इसके लिए यदि पूर्व सेवा गणना और क्रमोन्नत वेतनमान सरकार देती है तो, यह सभी 180000 एलबी संवर्ग शिक्षकों के ऊपर लागू होगा। इसलिए सभी एलबी संवर्ग का एकजुट होना और एक मंच पर आना समय की आवश्यकता बन चुकी है।

यहां यह भी बताना लाजिमी है कि, आम एलबी संवर्ग शिक्षकों में सभी संगठनों के नेताओं को लेकर असंतोष एवं आक्रोस है। क्योंकि आम एलबी संवर्ग शिक्षक अच्छे से जान चुका है कि, इन नेताओं में फूट और वर्ष 2013 में शासन से पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकार करने के गलत निर्णय तथा पूर्व सेवा को शून्य होने के बावजूद वर्ष 2018 में संविलियन को स्वीकार करने के गलत निर्णय के कारण ही एलबी संवर्ग ने शिक्षकों को लगातार नुकसान पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए आम एलबी शिक्षक चाहते हैं कि अब भी समय है कि सब आपसी भेदभाव भुलाकर एक हो जाएं और एक होकर एलबी संवर्ग शिक्षकों के सभी समस्याओं का निराकरण कराएं।