सतर्कता : NEW YEAR में पिकनिक स्पॉट झोझा जलप्रपात और लक्ष्मणधारा में लोगों की आवाजाही पर लगाई गई रोक…,खोडरी रेंज में बाघिन की मौजूदगी, गाय और बछड़े का किया शिकार, जमाया डेरा…,वाईल्ड लाईफ टीम और वन कर्मियों की बाघिन की गतिविधि पर नजर
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/01 जनवरी 2025) :
खोडरी रेंज की सीमा में बाघिन ने पहले बछड़े और उसके बाद उसकी मां गाय का शिकार करके उनके मांस का भक्षण करने के लिए आसपास डेरा जमा लिया है। इससे सतर्कता बरतते हुए वन विभाग ने नए साल में पिकनिक स्पॉट झोझा जलप्रपात और लक्ष्मणधारा में लोगों की आवाजाही पर लगाई रोक लगा दिया है, क्योंकि बाघिन इन इलाकों में भी कभी भी पहुंच सकती है। वहीं वाईल्ड लाईफ टीम और वन कर्मियों की बाघिन की गतिविधि पर नजर बनी हुई है तथा वन विभाग ने ग्रामीणों को बाघिन से सतर्क रहने के लिए अपील किया है।
बता दें कि बाघिन रविवार को पेण्ड्रा रेंज के ग्राम रामगढ़ के जंगल से खोडरी रेंज के उमरखोई (कारीआम) के जंगल पहुंच गई है। तब से बाघिन वहीं आसपास मौजूद है क्योंकि बाघिन ने वहां रविवार की शाम को पहले तो बछड़े का शिकार किया और उसके बाद बछड़े की मां गाय का भी शिकार किया है।
इस वजह से बाघिन वहीं आसपास ही मौजूद रहती है और बीच बीच में शिकार के मांस का भक्षण करती है। जिस स्थान पर बाघिन की मौजूदगी है वहां से गांव की आबादी थोड़ी दूर है और चारों ओर घने जंगल है और उस जंगल में चीतल, जंगली सुअर सहित अन्य जंगली जानवर भी हैं तथा आसपास पीने के लिए पानी भी है। ऐसे जगह बाघ के लिए उपयुक्त होते हैं। इसलिए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघिन वहां और कुछ दिन मौजूद रह सकती है।
उल्लेखनीय है कि बाघिन की मौजूदगी जिस जंगल में है, वह जंगल पेण्ड्रा से बिलासपुर मुख्य मार्ग में कारीआम घाट से भी लगा हुआ है। वहीं बाघिन द्वारा जंगल में बछड़े और गाय का शिकार करने से उमरखोई और आसपास के गांव में दहशत का माहौल भी है।
हालांकि यह बाघिन एक माह पहले कान्हा नेशनल पार्क से निकली थी। उसके बाद अमरकंटक और मरवाही रेंज के जंगल से होते हुए एमसीबी जिला पहुंच गई थी, जहां से उसका रेस्क्यू करके उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में छोड़ा गया था। लेकिन वह अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया से 14 दिन पहले खोडरी और पेण्ड्रा रेंज के रास्ते कटघोरा वन मण्डल पहुंच गई थी। उसके बाद शनिवार को पेण्ड्रा रेंज के ग्राम बम्हनी और ग्राम रामगढ़ के जंगल से होते हुए रविवार को खोडरी रेंज के उमरखोई के जंगल पहुंच गई। लेकिन इस एक माह में राहत की बात यह है कि बाघिन ने किसी मनुष्य पर हमला नहीं किया है।
बाघिन के गले में कॉलर आईडी लगे होने की वजह से वाइल्ड लाइफ टीम, एटीआर और वन विभाग की टीम को उसके पल-पल की गतिविधियों का पता भी चल रहा है।