शांतिकुटी आश्रम में ध्यान योग और सुरति योग कार्यक्रम से अध्यात्म की गूंज…,ओशोधारा मैत्री संघ का तीन दिवसीय आयोजन…

अमरकंटक।अनूपपुर।पेण्ड्रा (छग एमपी टाइम्स/18 मई 2024)
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में स्थित आश्रम शांति कुटी में दिनांक 17 से 19 मई 2024 तक ओशोधारा मैत्री संघ द्वारा ध्यान योग और सुरति योग साधना से अध्यात्म की गूंज नर्मदा उद्गम क्षेत्र में फैल रही है।

ओशोधारा मैत्री संघ छत्तीसगढ़ के अनेक साधक इस साधना शिविर आयोजन में सम्मिलित हुए हैं। 17 से 19 तक चलने वाले इस साधना शिविर में अनुभवी आचार्य प्रभाकर दर्शन करतला (कोरबा), आचार्य अमरेश झा रांची, आचार्य संतोष चंद्रा गौरेला, आचार्य भक्ति मां पूर्णिमा सूरजपुर, आचार्य मां बंदना सिंह परिहार बिलासपुर द्वारा साधना के सूत्र दिए गए।

प्रथम दिवस शिविर के विशिष्ट अतिथि के रूप में शांति कुटी के महंत रामभूषण दास महाराज की उपस्थिति में आयोजन का आरंभ किया गया। इस अवसर पर साधकों का मार्गदर्शन करते हुए ओशोधारा मैत्री संघ के सेंट्रल कोआर्डिनेटर आचार्य दर्शन ने बताया कि आज के भौतिकवादी युग में अध्यात्म के जिज्ञासुओं को परमात्मा की प्राप्ति तक पहुंचाने का वैज्ञानिक मार्ग ओशोधारा है। समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया द्वारा अध्यात्म के सारे मार्गो एवम् धर्म शास्त्रों पर वैज्ञानिक ढंग से गहन चिंतन करते हुए साधकों को साधना के पथ का जो मार्ग दिया गया है वह कभी भी साधक को अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता। आज ओशो धारा से देश विदेश में लाखो साधक जुड़कर अपनी साधना में लीन है और निरंतर आध्यात्मिक ऊंचाइयों को छू रहे है।

ध्यान योग शिविर के दूसरे दिवस नाम दीक्षा का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमे आचार्य दर्शन द्वारा 13 साधकों को नाद दीक्षा दी गई। वहीं सुरति योग में साधकों को दिव्य नाद डिवाइन साउंड से परिचय कराया गया और इसका प्रत्यक्ष अनुभव कराया गया।

ओशोधारा मैत्री संघ छत्तीसगढ़ के राज्य कोआर्डिनेटर आचार्य संतोष चंद्रा ने बताया की मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के सुंदर, मनोरम, दिव्य, पावन, भक्तिमय वातावरण में संतो की भूमि में आयोजित यह साधना शिविर साधकों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। परम गुरु ओशो, गुरु नानक देव, सूफी बाबा की दिव्य उपस्थिति में समर्थ गुरुदेव सिद्धार्थ औलिया का आशीर्वाद सभी साधकों को प्राप्त हुआ। दूसरे दिवस मां नर्मदा उद्गम स्थल पर पहुंच संध्या आरती में आचार्य की उपस्थिति में भाग लेंगे और भक्तिभाव से मां नर्मदा जी की पूजा अर्चन किया जाएगा। आयोजन के तीसरे दिवस इस का समापन कार्यक्रम होगा। इसके बाद अगले आयोजन की तिथि और स्थान आचार्य दर्शन द्वारा निश्चित कर सूचित किया जावेगा। ओशोधारा संघ छत्तीसगढ़ के साधक इस आयोजन को सफल बनाने में आरडी गुप्ता कोटा, हरीश शर्मा पेण्ड्रा, अजीत गहलोत गौरेला, नवरतन कश्यप राजनांदगांव, अश्वनी चंद्रा भिलाई, जय साहू कोरबा, विपिन दर्शन बिलासपुर, नवीन गुप्ता बिलासपुर, नलिनी दर्शन बिलासपुर इत्यादि का विशेष योगदान रहा।