
रायपुर (छग एमपी टाइम्स/27 फरवरी 2024) :
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सदन की कार्यवाही के सिर्फ 3 दिन शेष बचे हुए हैं। 5 फरवरी से शुरू हुए बजट सत्र में सदन की 17 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन इस दौरान राज्य के कर्मचारियों को सरकार से कुछ भी नहीं मिला है। अब कर्मचारियों की नजर 28, 29 फरवरी और 1 मार्च को होने वाले अंतिम 3 दिन की सदन की कार्यवाही पर टिकी हुई है।
सरकार की बेरुखी से कर्मचारी नाराज हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 4% महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय मांगो को लेकर आगामी 6 मार्च को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन करेगा।
संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर से शासन को अल्टीमेटम देकर अवगत कराया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन में राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों की अहम भूमिका थी, किंतु बजट सत्र में सरकार के द्वारा कर्मचारियों से वादे के रूप में दी गई “मोदी की गारंटी” के तहत कोई भी बजट राशि का प्रावधान नहीं किया गया तथा आज पर्यंत महंगाई भत्ता की घोषणा नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों में निराशा है। कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन में प्रदेश के चतुर्थ वर्ग से लेकर सभी वर्ग के कर्मचारियों, शिक्षकों, लिपिको, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों तथा पेंशनरों की प्रमुख मांगों को समाहित किया गया है।
कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की 14 सूत्रीय प्रमुख मांगे :-
कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की 14 सूत्रीय प्रमुख मांगों में 1. केंद्र के समान देय तिथि से 4% डीए,
2. जनवरी 2018 से समय समय पर दिए गए डीए के लंबित एरियर्स का जीपीएफ खाते में संयोजन,
3. सातवें वेतनमान की अंतिम किस्त का नगद भुगतान,
4. सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत आयु 65 वर्ष करने,
5. 4 स्तरीय वेतनमान,
6. एसके मिश्रा की अध्यक्षता में गठित आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने,
7. पुरानी पेंशन योजना का लाभ के लिए एलबी संवर्ग के शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना,
8. उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की तरह समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 5 लाख रूपये तक कैशलेश चिकित्सा योजना,
9. सभी कर्मचारियों को 500 रुपए प्रतिमाह मोबाइल भत्ता,
10. समस्त विभागो में कार्यरत संविदा एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्य भारित-दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण,
11. 300 दिन के बराबर अर्जित अवकाश का नकदीकरण,
12. समस्त विभागो में सीधी भर्ती एवं पदोनती के रिक्त पदों पर एक निर्धारित समय सीमा में भर्ती तथा पदोन्नति,
13. तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत की सीलिंग हटाने,
14. पांचवें एवं छठवें वेतनमान के आधार पर निर्धारित सभी प्रकार के भत्तों का पुनरीक्षण तथा मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ के पेंशनरों के लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित करने की मांग को सम्मिलित किया गया है।