वनों की अवैध कटाई, अतिक्रमण, रेत चोरी के आरोप में डिप्टी रेंजर उदय तिवारी को सीसीएफ ने किया सस्पेंड, दूसरे डिप्टी रेंजर का भी रेत तस्कर से लेनदेन का ऑडियो हुआ था वायरल…GPM जिले से चोरी का रेत मध्य प्रदेश के अमरकंटक थाने में जब्त किया गया था…,कुछ वनकर्मी संस्पेंशन को बना रखे हैं मजाक, सेटिंग कर सस्पेंड अवधि का पूरा वेतन लेकर मनमानी जगह पर करा लेते हैं बहाली…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/24 मई 2024)
मध्य प्रदेश में पकड़े गए छत्तीसगढ़ के चोरी के रेत के मामले के संज्ञान में आने के साथ ही अवैध रेत भंडारण, जंगलों की कटाई, वन भूमि पर कब्जा कराकर खेत निर्माण जैसे गम्भीर आरोपों से घिरे मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर उदय तिवारी को डीएफओ की अनुशंसा पर सीसीएफ बिलासपुर ने सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस कार्यवाही के बाद गौरेला रेंज के एक डिप्टी रेंजर राजीव सिसोदिया का भी जब्त वाहन को छोड़ने के लिए रुपयों का मांग करने का कथित ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिस पर डीएफओ रौनक गोयल क्या एक्शन लेते हैं यह देखने योग्य होगा।

डिप्टी रेंजर पर आरोप है कि वो कर्तव्य के प्रति लापरवाह होने के साथ ही अवैध काम करने वालों से उनके सम्बन्ध हैं, जिसका रुपयों के लेनदेन का ऑडियो भी वायरल हुआ था। बताया जा रहा है कि अवैध रेत की चोरी और उसके भंडारण के साथ ही इलाके में अवैध ईटा भट्टा का संचालन कराने और पेड़ों की कटाई रोकने में नाकाम साबित होने पर वनपाल पर कार्रवाई की गई है। मरवाही वन मंडल के डीएफओ रौनक गोयल की अनुशंसा पर एक्शन लेते हुए सीसीएफ बिलासपुर वृत्त ने निलंबन का आदेश जारी किया हैं। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के तहत यह कार्रवाई की गई है।

बता दें कि मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र में बीते कई दिनों से रेत का अवैध परिवहन और उसका भंडारण किए जाने की शिकायत मिल रही थी। वहीं खोडरी वन परिक्षेत्र से चोरी किया गया रेत मध्य प्रदेश के अमरकंटक थाने में जब्त किया गया था। इसके साथ ही यहां खोडरी वन परिक्षेत्र के नेवरी परिसर के नदियाटोला बनझोरखा में अवैध रेत का व्यवसाय बड़ी तेजी के साथ फलफूल रहा था। जिस पर लगाम नहीं लगाई जा रही थी। माना जा रहा है कि इन सभी अवैध गतिविधियों में वन विभाग के कुछ कर्मचारी शामिल हैं। जो कि अवैध रेत व्यवसाय करने वालों से सांठगांठ कर ऐसे कामों को करवाते रहे हैं।

मरवाही वनमंडल पेण्ड्रारोड द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में भी पाया गया कि 0.97 एकड़ वनभूमि को निजी लाभ के लिए खेत बनाया गया और वृक्षों को गोलाकार घाव बनाकर सूखा दिया गया गया और बिना कोई सूचना दिए इन वृक्षों को काट दिया गया जो कि अपने आप मे प्रथम दृष्टया काफी गंभीर आरोप है। उदय तिवारी के इन कृत्यों से पाया गया कि वनों की अवैध कटाई, अतिक्रमण, रेत चोरी जैसे संगीन मामले में इनकी संलिप्तता नजर आ रही है, जिस कारण इन्हें जांच के बाद निलंबित किया गया। निलबंन अवधि में डिप्टी रेंजर उदय तिवारी को मुख्यालय बिलासपुर वनमंडल में अटैच कर दिया गया है।

करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में सस्पेंड होने के बाद मरवाही वन मण्डल के दर्जन भर वनकर्मी लेनदेन कर हुए हैं बहाल
बता दें कि मरवाही वन मण्डल में भूपेश बघेल सरकार और मोहम्मद अकबर के वनमंत्री रहने के दौरान मनरेगा और कैम्पा मद के कामों में 25 करोड़ रुपए से भी अधिक के घोटाले की शिकायत हुई थी। इसमें मनरेगा योजना में 8 करोड़ के घोटाले के प्रमाण मिलने के बाद तत्कालीन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने 14 अधिकारियों कर्मचारियों को सस्पेंड करने की घोषणा विधानसभा में किया था। उसके बावजूद वन विभाग ने बड़ी मशक्कत के बाद इन भ्रष्ट वन कर्मियों पर कार्यवाही किया था लेकिन कुछ समय के बाद लेनदेन करके इन भ्रष्ट कर्मियों को फिर से बहाल कर दिया गया था इसलिए ये कर्मी सस्पेंड की कार्यवाही को मजाक समझते हैं। सीसीएफ ने उदय तिवारी नाम के जिस डिप्टी रेंजर को सस्पेंड किया है वो पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में सस्पेंड होते रहे हैं और उनके लिए सस्पेंड होना और बहाल होना आम बात है, जो कि पूरे सीस्टम की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।