लंबित डीए और एरियर्स मामले में फेडरेशन ने 27 सितंबर तक हड़ताल को टालकर सरकार को दिया राहत…,फेडरेशन के निर्णय से कर्मचारी अचंभित…,दूसरे संगठन द्वारा भी 2 माह तक बड़ा आंदोलन करना हुआ मुश्किल…,27 सितंबर तक हड़ताल टालना औचित्यहीन क्योंकि दशहरा-दीवाली में डीए देने की है परंपरा…,भूपेश सरकार ने पहुंचाया था कर्मचारियों को डीए का लाखों रुपए का चोट…,भाजपा ने देय तिथि से डीए देने दी थी “मोदी की गारंटी” लेकिन देय तिथि से नहीं दिया डीए…

रायपुर (CG MP TIMES/28 जुलाई 2024) :
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा की अध्यक्षता में रविवार को रायपुर में हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक में अभूतपूर्व कदम उठाते हुए लंबित डीए और एरियर्स मामले में हड़ताल को 27 सितम्बर तक टालकर सरकार को राहत दे दिया है। फेडरेशन के इस निर्णय से कई कर्मचारी संगठन हतप्रभ हैं।

बता दें कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में “मोदी की गारंटी” के तहत देय तिथि से डीए देने एवं भूपेश बघेल सरकार में बकाया 4 वर्ष की एरियर्स राशि को भविष्य निधि खाते में अंतरित करने का वायदा किया था, परन्तु सरकार में आते ही भूपेश सरकार की राह पर चलकर 8 माह का एरियर्स रोककर मार्च में डीए दिया गया था, जिससे हुए आर्थिक नुकसान के कारण राज्य के कर्मचारी काफी नाराज थे। लेकिन लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण उस दौरान विरोध प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।

पिछले एक पखवाड़े से विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा बैठकें करके डीए और एरियर्स के मुद्दे पर आन्दोलन की रणनीति बनाई जा रही थी। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने 4 साल अनियमित रूप से डीए दी, जिससे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी को 1 लाख रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक का चोट पहुंचा था। जिससे राज्य के कर्मचारी भूपेश सरकार से नाराज थे, जो कि भूपेश सरकार के पतन का प्रमुख कारण भी बना था।

वर्तमान साय सरकार ने भी मार्च माह में जो डीए घोषित किया था, उसमें भी 8 माह का एरियर्स दबा दिया गया, जिससे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी को 6 हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक का चोट पहुंचा है। इसलिए राज्य के कर्मचारी आशंकित हो गए हैं कि यदि साय सरकार भी भूपेश सरकार की राह पर चलकर अनियमित रूप से डीए देगी तो इस पंचवर्षीय में भी कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुकसान हो जायेगा।

यही कारण है कि हर 6 माह में केन्द्र सरकार से घोषित होने वाले डीए को कर्मचारी देय तिथि से चाहते हैं जिससे कि उन्हें आर्थिक क्षति न पहुंचे। इसीलिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने डीए और एरियर्स के लिए हड़ताल की रणनीति बनानी शुरु कर दी थी लेकिन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 27 सितम्बर तक हड़ताल को टालकर सरकार को राहत दे दिया है।

27 सितंबर तक हड़ताल टालना औचित्यहीन क्योंकि दशहरा दीवाली में डीए देने की है परंपरा
विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने डीए और एरियर्स की मांग के हड़ताल को 27 सितंबर तक टालने को औचित्यहीन बताया है, क्योंकि अक्टूबर में दशहरा और दीवाली का त्यौहार है। इन त्यौहारों में डीए देने की सभी सरकारों में परंपरा रही है। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि डीए के लिए जल्द से जल्द सामूहिक नेतृत्व में हड़ताल करके देय तिथि से डीए देना प्रारंभ कराना जरूरी है, जिससे कि कर्मचारी हजारों-लाखों रूपये के नुकसान से बच सके।