
अमरकंटक।अनूपपुर।पेण्ड्रा (छग एमपी टाइम्स/24 अप्रैल 2024) :
अमरकंटक के रुद्रगंगा स्थित प्रसिद्ध ब्रह्मलीन संत फक्कड़ बाबा का 70 साल पुराना आश्रम वन विभाग विभाग ने उजाड़ दिया है। इसी स्थान पर फक्कड़ बाबा साधना किया करते थे, जो कि बड़ी संख्या में लोगों की आस्था का केन्द्र था। आश्रम उजाड़े जाने से साधु संतों सहित अमरकंटक वासियों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक से सटा हुआ जंगलों के बीचों बीच एकांत क्षेत्र में रमणीय स्थल रुद्र गंगा है। जहां पर ब्रम्हलीन संत फक्कड़ बाबा के नाम से जाने पहचाने जाते थे। संत फक्कड़ बाबा इस स्थान पर रह कर साधना, भजन किया करते थे। यह आश्रम लगभग 70 वर्षो से ज्यादा के समय से बताया जा रहा है। फक्कड़ बाबा के ब्रम्हलीन होने के उपरांत उनके शिष्य सत्रुघ्न पुरी ने गुरु स्थान को सम्हाल कर रखा हुआ था और अपने गुरु परंपरा अनुसार भजन, साधना के साथ गुरु स्थान पर रह कर पूजा पाठ में लीन रहते थे। शिष्य संत सत्रुघन पुरी ने संतो और नगर वासियों से कई बार फॉरेस्ट विभाग द्वारा परेशान करने की सूचना देते रहते थे। रुद्र गंगा आश्रम जाने का रास्ता अधिकारियों द्वारा कई बार बंद भी किया गया है। रुद्र गंगा में 70 वर्षो से बना फक्कड़ आश्रम से फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों को क्या परेशानियां थी उन्हें तक नहीं पता।
प्राप्त जानकारी अनुसार फॉरेस्ट विभाग द्वारा रुद्र गंगा में पुराना फक्कड़ आश्रम को ध्वस्त कर दिया गया है। आश्रम में देख रेख करने वाले संत सत्रुघन का भी कोई अता पता नही है। आश्रम में प्रतिमा, संत धूनी और आश्रम को फॉरेस्ट विभाग द्वारा उखाड़ फेंक दिया गया है।
संत आश्रम जो बहुत पुराना था और जिस तरह ध्वस्त कर नष्ट किया गया है उससे अमरकंटक नगर वासी, संत संप्रदाय और आश्रम से जुड़े लोग भारी नाराज और दुखी है। संत समाज पर ये एक आघात जैसी बात है । इसका सभी ने विरोध कर रहे। एडवोकेट रज्जू सिंह नेताम का कहना है की पुराना संत आश्रम तोड़ना संत विरोधी मानसिकता है। रंग महल की साध्वी शिवानी पुरी भी कहती हैं कि यह आश्रम संत तपस्थली थी। इस आश्रम के जुड़े लोग इस घटना से काफी नाराज हैं और आगे बड़ा कदम उठाने की बात कह रहे हैं।