रायपुर (छग एमपी टाइम्स/18 मार्च 2024) :
छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के द्वारा 18 मार्च सोमवार को ज्ञापन देकर राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को महंगाई भत्ता व महंगाई राहत देय तिथि 1 जुलाई से जारी करने की मांग की गई है। साथ ही ज्ञापन में यह भी उल्लेखित किया गया है कि वित्त विभाग द्वारा देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने का आदेश जारी नहीं करके गलत परम्परा का अनुशरण किया गया है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों का आर्थिक शोषण हो रहा है।
संयुक्त मोर्चा के प्रमुख घटक संगठनों में कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय सिंह के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में उल्लेखित किया गया है कि राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों की लंबी प्रतीक्षा के उपरांत छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के 1 दिन पहले दिनांक 15 मार्च को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व महंगाई राहत जो कि 1 जुलाई 2023 से देय था, उसे 1 मार्च 2024 की तिथि से प्रदान किया गया है। जबकि विधानसभा चुनाव में राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों को भाजपा द्वारा “मोदी की गारंटी” के तहत वादा किया गया था कि, केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
संयुक्त मोर्चा ने ज्ञापन में लिखा है कि भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में केंद्र के समान महंगाई भत्ता 50% प्रदान किया जा रहा है। मध्य प्रदेश शासन ने भी अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से 46% महंगाई भत्ता देना प्रारंभ कर दिया है तथा पेंशनरों को 1 जुलाई 2023 से ही महंगाई राहत दिए जाने हेतु छत्तीसगढ़ शासन से सहमति मांगी गई थी।
संयुक्त मोर्चा ने ज्ञापन में लिखा है कि राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों की प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका थी, तथा वह आशान्वित भी थे कि अब महंगाई भत्ता व महंगाई राहत केंद्र के समान देय तिथि से प्राप्त होगा, किंतु सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों को देय तिथि से महंगाई भत्ता नहीं प्रदान कर कर्मचारियों के आर्थिक शोषण की गलत परंपरा का अनुसरण किया गया है, जिससे प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी एवं 1 लाख 20000 पेंशनरों में शासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
संयुक्त मोर्चा ने कर्मचारी हित में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि महंगाई भत्ता वह महंगाई राहत हेतु जारी आदेशों में संशोधन करते हुए 1 मार्च 2024 के स्थान पर केंद्र के समान 1 जुलाई 2023 से 4% महंगाई भत्ता व महंगाई राहत का संशोधित आदेश एवं 1 जनवरी 2024 से देय 50% मंहगाई भत्ता का आदेश जारी करने का निवेदन किया गया है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के उपरोक्त ज्ञापन के बाद यदि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के समान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों को देना चाहेगी तो उसे अब चुनाव आयोग से अनुमति लेकर ही दे सकती है। इसके लिए अब देखना होगा कि सरकार चुनाव आयोग से अनुमति मांगती है या नहीं और यदि अनुमति मांगती है तो चुनाव आयोग यह अनुमति देगी या नहीं देगी यह भी देखना होगा। लेकिन संयुक्त मोर्चा ने देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने के मामले का गेंद छत्तीसगढ़ शासन के पाले में डाल दिया है, जिससे अब यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि शासन ने 1 मार्च से मंहगाई भत्ता देने का आदेश चूकवश जारी किया है या सरकार की नीयत में खोट है ? यदि शासन ने चूकवश 1 मार्च से मंहगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया है तो देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगी और यदि सरकार की नीयत में खोट है तो देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति नहीं मांगेगी।