मां नर्मदा उद्गम कुंड के पानी में जमी काई, इसी में भक्त करते हैं आचमन और पूजन, सावन में उमड़ती है भक्तों की भीड़…,कुण्ड सफाई की भक्तों ने की मांग…,कुण्ड का जल कांवड़ में ले जाकर अभिषेक किया जाता है ज्वालेश्वर महादेव का…

अमरकंटक।अनूपपुर।पेण्ड्रा (CG MP TIMES/23 जुलाई 2024) :
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के नर्मदा उद्गम कुंड द्वार पर ही सावन सोमवार के दिन पानी में जमी काई को देख भक्तों श्रद्धालुओ के मन में निराशा देखी जा रही है। उद्गम कुंड का पानी इतना गन्दा हो चुका है की पानी में काई जम गई है। कुंड के जल में ही लोग दीपदान, पुष्प और चावल डाल देते हैं जिससे पानी बहुत ही जल्दी गंदा हो जाता है, जबकि मन्दिर प्रबंधन के द्वारा समय समय पर कुण्ड की सफाई भी कराई जाती है।

सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व अमरकंटक में भारी संख्या में लोग पहुंचे हुऐ थे। यहां अनेक साधु संतो के आश्रम हैं जिनमें संत निवास कर भजन पूजन आदि अनेक धार्मिक कार्य करते रहते हैं। देश के अनेक प्रांत और नगरों के इनके शिष्य हैं, जो कि गुरुपूर्णिमा पर्व पर अधिकतर शिष्य अमरकंटक पहुंच संतों महंतो और आचार्यों के यहां गुरु पूजन आ कर करते हैं और नर्मदा उद्गम कुंड तथा मंदिर दर्शन भी करने जाते हैं। लेकिन उद्गम स्थल कुंड पर जमी काई और नजर आ रहा गंदा पानी देख सभी भक्तों, श्रद्धालुओ को निराशा हुई। श्रद्धालु यह कहते देखे गए कि इतनी जमी काई और गन्दे पानी में आचमन कैसे करें।

जबकि लगभग एक माह पूर्व नर्मदा कुंड की सफाई करवाई गई थी। उद्गम स्थल कुंड में लोगों के स्नान करने की भी मनाही है।

सोमवार से सावन का महीना चालू हो गया है और श्रावण का प्रथम सोमवार रहा। श्रावण मास में अमरकंटक कावंडियों का आना जारी हो गया है और पुरे श्रावण माह में कावंडियो, श्रद्धालुओ, पर्यटकों का खास कर सावन सोमवार को भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं, जो कि उद्गम स्थल पर ही पहुंच पूजन, आचमन करते हैं, जल भरते है और जल को ज्वालेश्वर धाम महादेव में ले जाकर अभिषेक करते हैं। कुछ लोग जल को अपने अपने ग्राम और घर भी ले जाते हैं।

इस सम्बन्ध में नगर परिषद अमरकंटक प्रभारी सीएमओ भूपेंद्र सिंह ने कहा कि तत्काल सफाई व्यवस्था कराई जाएगी।