मरवाही के परासी गांव में सोन नदी के किनारे ग्राफ्टेड बैगन (भाटा) सब्जी के फार्म में बाघ ने जमाया डेरा…,सिवनी में मवेशी पर किया हमला…,ड्रोन कैमरे से वन विभाग ने की बाघ की निगरानी…,वन विभाग ने एटीआर और कानन पेंडारी से विशेषज्ञों को बुलाया…

मरवाही के परासी गांव में सोन नदी के किनारे ग्राफ्टेड बैगन (भाटा) सब्जी के फार्म में बाघ ने जमाया डेरा…,सिवनी में मवेशी पर किया हमला…,ड्रोन कैमरे से वन विभाग ने की बाघ की निगरानी…,वन विभाग ने एटीआर और कानन पेंडारी से विशेषज्ञों को बुलाया…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/06 दिसम्बर 2024) :
अमरकंटक के मेढ़ाखार गांव में भैंस का शिकार कर दो दिनों तक डेरा जमाने और तीसरे दिन वेंकटनगर के मुंडा के डोंगरी में देखे जाने के बाद चौथे दिन गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात में बाघ मरवाही के परासी गांव में सोन नदी के किनारे स्थित बैगन (भाटा) सब्जी के फार्म में पहुंच गया और पूरे दिन उसी फार्म में ही आराम किया। इससे पहले रात्रि में बाघ ने सिवनी गांव में एक मवेशी पर हमला भी किया था। मरवाही वन मंडल के द्वारा ड्रोन कैमरे से बाघ की निगरानी की गई, जिससे बैगन फार्म में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने एटीआर और कानन पेंडारी से एक्सपर्ट को बुला लिया है।

मरवाही वन मण्डल में शुक्रवार सुबह बाघ (टाइगर) दिखा है। ग्रामीण इलाके में बाघ घूमते देख लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं वन विभाग की टीम भी मुनादी कर लोगों को सजग कर रही है। मामला मरवाही वन परिक्षेत्र के परासी गांव का है।

गुरुवार रात में परासी गांव के मंगल प्रसाद केवट के बैगन सब्जी के फार्म में बाघ देखा गया। ऐसी संभावना है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया से बाघ अमरकंटक के मेढ़ाखार पहुंचा था, जहां भैंस का शिकार करने के बाद दो दिनों तक वहीं रहा, उसके बाद वह वेंकटनगर के मुंडा गांव होते हुए परासी पहुंच गया है।

मरवाही के परासी गांव में सोन नदी के किनारे मंगल प्रसाद केवट का सब्जी का फॉर्म है, जहां पर बड़े पैमाने पर ग्राफ्टेड बैगन (भाटा) लगाया गया है। ग्राफ्टेड बैगन के पौधों की ऊंचाई 5 फीट से 10 फीट तक भी होती है। इसलिए बाघ ने वहीं पर जंगल समझकर डेरा जमा लिया है, क्योंकि उस सब्जी फार्म के आसपास जंगल नहीं है। वहां से चारों ओर सिर्फ कृषि भूमि है। मरवाही वन परिक्षेत्र में बाघ के मूवमेंट को ट्रैक करने में वनकर्मी जुटे हुए हैं।

मरवाही वनमंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि उनकी टीम लगातार बाघ के मूवमेंट को ट्रैक कर रही है। इसके पहले यह बाघ अमरकंटक क्षेत्र में विचरण कर रहा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि बाघ घूमते हुए छत्तीसगढ़ के मरवाही वन मंडल में प्रवेश किया होगा।

बता दें कि 3 दिन पहले अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्र अमरकंटक के मेढ़ाखार गांव में बाघ को देखा गया था। बाघ मेढ़ाखार गांव में 2 दिन से डेरा जमाए हुए था, जहां एक भैंस का शिकार भी किया था। इस दौरान बाघ की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ट्रैप कैमरे भी लगाए गए थे।