
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/07 मार्च 2024) :
भालू लैंड मरवाही वन मण्डल अंतर्गत मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम डोंगरिया के जंगल में मां की पीठ पर सवार मस्ती करते हुए दो शावक सफेद भालू बुधवार की रात को देखे गए हैं। राहगीर ने इन भालुओं का वीडियो बनाया है। इससे पहले 4 जनवरी 23 को झिरना पोड़ी जंगल और 10 नवंबर 22 में माड़ाकोट में सफेद भालू दिखा था। मरवाही के जंगल में काले भालुओं के साथ पिछले डेढ़ साल में 6 सफेद भालुओं को देखा है।
मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम डोंगरिया में एकलव्य स्कूल के पास डोंगरी की ओर से आते हुए मां की पीठ पर सवार भालू के दो सफेद शावक देखे गए। दोनों शावक मां की पीठ पर सवार थे। मां अपनी पीठ पर बैठाकर उन्हें ले जा रही थी। बता दें कि मरवाही के जंगलों में बहुतायत संख्या में भालू पाए जाते हैं, जिसमें कभी-कभार सफेद भालू भी देखने को मिलते हैं।
मरवाही का जंगल ऐसा जंगल है जिसे भालू लैंड के नाम से जाना जाता है। जहां पाने को तो काले भालू ही बहुतायत में पाए जाते हैं लेकिन इन्हीं काले भालुओं में कुछ दुर्लभ प्रजाति के सफेद भालू भी दिख जाते हैं। इस बार दो सफेद भालू शावक ग्राम डोंगरिया के जंगल में मां की पीठ पर सवार मस्ती करते हुए बुधवार की रात को देखे गए हैं। जिनका वहां से गुजर रहे गौरेला निवासी डिंपू राजपूत ने वीडियो बनाया है।
सफेद भालू यानी पोलर बियर ध्रुवीय क्षेत्रों में पाए जाने वाला भालू है। लेकिन मरवाही के जंगल में पाए जाने वाले ये सफेद भालू वो सफेद भालू नहीं हैं जो ध्रुवीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। बल्कि ये वो सफेद भालू हैं जो काले भालू से पैदा हुए हैं।

मरवाही के जंगल में 6 सफेद भालुओं के मौजूदगी की पुष्टि हो रही
इससे पहले 4 जनवरी 23 को झिरना पोड़ी जंगल और 10 नवंबर 22 में माड़ाकोट में सफेद भालू देखा गया था। ये भालू काले भालू के साथ देखे गए थे। झिरना पोड़ी के ग्रामीणों ने बताया था कि उनके यहां के जंगल में 3 सफेद भालू हैं। इस तरह से देखा जाए तो मरवाही के जंगल में 6 सफेद भालुओं के मौजूदगी की पुष्टि हो रही है।

एक सफेद सफेद भालू की कुएं में गिरने से हो चुकी है मौत
21 दिसंबर 2020 को मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम अंडी में किसान सुंदर सिंह पिता गयादीन गोंड़ के बाड़ी में स्थित कुएं में दुर्लभ प्रजाति का एक वर्षीय सफेद भालू की गिरने से मौत हो गई थी। ग्रामीणों के अनुसार उस सफेद भालू की मां काले रंग की थी क्योंकि उस भालू के कुएं में गिरने के बाद उसकी मां को चीखते हुए ग्रामीणों ने कुएं के पास देखा था।
मरवाही में 1995 में पहली बार मिली मादा सफेद भालू कमली भोपाल के चिड़िया घर में रखी गई थी
मरवाही के जंगलों में मादा सफेद भालू पहली बार वर्ष 1995 में मिली थी। काले भालुओं के जंगल में सफेद भालू पाए जाने का मामला पहली बार सामने आने के कारण इस भालू की चर्चा देश प्रदेश में थी। इसका नाम कमली रखा गया था। इसे इंदिरा उद्यान पेण्ड्रा के रेस्क्यू सेंटर में काफी समय तक रखने के बाद भोपाल के चिड़ियाघर ले जाकर रखा गया था, जिसे देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में जाते थे।