भालू लैंड मरवाही के जंगल में 12 राज्य और जीजीयू सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने भालुओं पर 5 दिन शोध किया…,नेचर कैंप गगनई जामवंत माड़ा में दो दिवसीय भालू ट्रेकिंग प्रशिक्षण भी दिया गया…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/29 फरवरी 2024) :
भालू लैंड के नाम से मशहूर मरवाही वन मण्डल के जंगलों में भारत देश के विभिन्न 12 राज्यों के शोधार्थियों ने 5 दिन भ्रमण कर भालुओं के व्यवहार, बर्ताव और खानपान पर शोध किया। इस दौरान नेचर कैंप गगनई जामवंत माड़ा में दो दिवसीय भालू ट्रेकिंग प्रशिक्षण भी दिया गया।

बता दें कि मरवाही वन मण्डल के जंगलों में बहुतायत संख्या में भालू पाए जाते हैं। कभी कभी सफेद भालू भी यहां के जंगलों में दिख जाते हैं। वन मण्डल के मरवाही वन परिक्षेत्र के जंगलों में प्राकृतिक रूप से बने हुए पत्थरों के खोह काफी संख्या में हैं जो कि भालुओं का प्राकृतिक रहवास होने के कारण ही यहां भालुओं की संख्या काफी अधिक है।

इसलिए भालुओं पर शोध करने वाले भारत देश के विभिन्न 12 राज्यों के 27 शोधार्थी एवं गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने गुजरात के डबल्यूआरएफ संस्था के डॉक्टर निशित धरैया के साथ मरवाही वन परिक्षेत्र के गगनई बांध नेचर कैंप जामवंत माड़ा में रुककर आसपास के जंगलों में घूमकर भालुओं की गतिविधि पर 5 दिनों तक शोध किया। डॉक्टर निशित धरैया ने बताया कि मरवाही के जंगल में भालुओं की संख्या काफी है और यहां भालुओं द्वारा इंसान पर हमले की घटनाएं भी काफी संख्या में देखने को मिलती हैं इसलिए भालुओं पर शोध के लिए मरवाही के जंगल आए हैं।

मरवाही वन मण्डल के डीएफओ शशि कुमार ने भी उनके शोध को करीब से देखा और उनके निर्देश पर मरवाही वन परिक्षेत्र के वन कर्मियों ने भी शोधार्थियों का पूरा सहयोग किया। शोधार्थियों ने भालुओं के रहन सहन, व्यवहार, खान पान पर शोध करने के साथ ही वन कर्मियों को कैमरा ट्रैप लगाना भी सिखाया।

एकेडमिक ट्रेनिंग के तहत शोधार्थियों ने भालुओं पर शोध किया – डीएफओ शशि कुमार
मरवाही वन मण्डल के डीएफओ शशि कुमार ने इस सम्बंध में बताया कि भालू ट्रेकिंग प्रशिक्षण के दौरान शोधार्थियों से काफी कुछ सीखने को मिला है। गुजरात की डबल्यूआरएफ संस्था से जुड़े शोधार्थियों के साथ ही गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने भी मरवाही के जंगल के भालुओं पर शोध किया है।