पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/27 जून 2024) :
उप मुख्यमंत्री अरूण साव को ज्ञापन सौंपकर जीपीएम जिले में चल रहे रेत की समस्या के समाधान एवं पेण्ड्रा व गौरेला नगर पंचायत को नगर पालिका में उन्नयन करने में आने वाली बाधाओं को परिसीमन से पहले दूर करने का आग्रह किया गया है, जिससे कि नगर पालिका के अनुसार परिसीमन करने से 15 से अधिक वार्ड बनेंगे, जबकि बाधा दूर किए बिना परिसीमन होने पर नगर पंचायत में सिर्फ 15 वार्ड ही रहेंगे। बता दें कि 14 अगस्त 2023 को राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उपरोक्त दोनों नगर पंचायतों को नगर पालिका बनाने के लिए अधिसूचना प्रकाशित कर 21 दिन में दावा आपत्ति एवं सुझाव मांगा था। लेकिन 21 दिन बीतने के बाद सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया था, जिसके कारण दोनों नगर पंचायतों को नगर पालिका के रुप में उन्नयन नहीं किया जा सका था।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजा उपेंद्र बहादुर सिंह ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन, पीडब्ल्यूडी, पीएचई एवं विधि विधायी मंत्री अरुण साव से मुलाकात करके जीपीएम जिले में चल रहे रेत की समस्या के समाधान की मांग रखी, जिससे जिले के नागरिकों को कम कीमत में सुलभ तरीके से रेत उपलब्ध हो सके। ज्ञापन में रेत उत्खनन के सरलीकरण एवं जिले में शासन द्वारा रेत खदान आबंटित करने हेतु आग्रह किया गया है। जिले के भीतर बहुत से ऐसे ग्राम पंचायत हैं, जहां रेत पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिन्हें चिन्हांकित कर खनिज विभाग के माध्यम से उत्खनन की अनुमति प्रदान की जाए, जिससे शासन को राजस्व की प्राप्ति होगी। साथ ही अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी। उत्खनन एवं परिवहन हेतु स्पष्ट नियम बनाये जाने की मांग भी पत्र के द्वारा की गई है। बता दें कि जीपीएम जिले में हजारों प्रधानमंत्री आवास, शासकीय एवं व्यक्तिगत निर्माण कार्य रेत उत्खनन की स्पष्ट नियमावली न होने के कारण रुकी हुई है। साथ ही जिले में रेत अवैध वसूली का जरिया भी बन गया है, जिसकी वजह से 2500 रुपये से लेकर 3500 रूपये प्रति ट्राली रेत का भुगतान नागरिकों को करना पड़ रहा है। जिले में इतना मंहगा रेत बिक्री होने के बावजूद शासन के खजाने में रायल्टी के रूप में एक रुपया भी नहीं आ रहा है, इसलिए शासन रेत उत्खनन का वैधानिक प्रावधान बना देगी तो शासन को जीपीएम जिले से लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। ज्ञापन सौंपने वालों में किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष देवशरण गोलू राठौर भी शामिल थे।
पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पालिका में उन्नयन करने में बाधा दूर करने की मांग
ज्ञापन में पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पंचायत से नगर पालिका के रुप में उन्नयन करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने का आग्रह भी किया गया है। बता दें कि 14 अगस्त 2023 को राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उपरोक्त दोनों नगर पंचायतों को नगर पालिका बनाने के लिए 21 दिन में दावा आपत्ति एवं सुझाव मांगा था, लेकिन उसके बाद 21 दिन बीतने के बाद भी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया था, जिसके कारण दोनों नगर पंचायतों को नगर पालिका के रुप में उन्नयन नहीं किया जा सका है। जबकि शासन द्वारा वार्डों के परिसीमन का काम भी शुरु कर दिया गया है। इसलिये परिसीमन से पहले दोनों नगर पंचायतों का नगर पालिका बनना जरूरी है अन्यथा नगर पंचायत में सिर्फ 15 वार्ड ही रह जाएंगे, जबकि नगर पालिका में 15 से अधिक वार्ड होते हैं।