बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर निकाली गई भव्य निशान यात्रा, जगह जगह हुआ यात्रा का स्वागत…, 4 दिवसीय आयोजन में मंगलवार को प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा दी जाएगी भजन की प्रस्तुति…

निशान यात्रा की नगर में जगह जगह भक्तों ने आरती उतारी

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/11 नवंबर 2024) :
बाबा श्याम के जन्मोत्सव के अवसर पर श्री श्याम नारायणी परिवार पेण्ड्रा के सैकड़ों भक्तों द्वारा सोमवार पेण्ड्रा में बाजे गाजे के साथ श्री श्याम मनोकामना भव्य निशान यात्रा निकाली गई। निशान यात्रा का नगर में जगह जगह भक्तों ने आरती उतारकर और यात्रा में शामिल भक्तों को जलपान कराकर स्वागत किया।

बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर रामलीला मैदान बजरंग चौक पेण्ड्रा में 4 दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है। जिसके दूसरे दिन सोमवार को नगर में श्री श्याम मनोकामना भव्य निशान यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। निशान यात्रा में भक्त बाबा श्याम के के नाम के झण्डे हाथों में लेकर चल रहे थे। निशान यात्रा वापस बजरंग चौक में समाप्त होने के बाद भक्तों ने श्री श्याम रसोई प्रसाद गृहण किया।

मंगलवार देव उठनी एकादशी को है बाबा श्याम का जन्मोत्सव

बाबा श्‍याम के नाम से पुकारे जाने वाले बाबा खाटूश्‍यामजी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक शुक्‍ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है। इस साल देव उठनी एकादशी 12 नवम्बर मंगलवार को है। पेण्ड्रा में श्‍याम भक्‍त बाबा श्‍याम के जन्‍मोत्‍सव की धूमधाम से तैयारी किए हैं। हारे का सहारा, भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार, लखदातार, शीश के दानी कहे जाने वाले बाबा खाटू श्यामजी के भक्त पूरी दुनिया में हैं।

मंगलवार को शाम 6 बजे से प्रसिद्ध गायकों का है भजन कार्यक्रम

मंगलवार को शाम 6 बजे से संकीर्तन में भजन की प्रस्तुति मनीष भट्ट, वर्षा गर्ग और सुरेश राजस्थानी के द्वारा की जाएगी। भजन कीर्तन पश्चात भक्त श्री श्याम रसोई में भक्त प्रसाद गृहण करेंगे। बुधवार को दोपहर 12:30 बजे बारस को खिचड़े एवं खीर चूरमे का भोग लगेगा। उपरोक्त सभी कार्यक्रमों को लेकर श्री श्याम भक्तों के द्वारा जोर शोर से तैयारी की गई है।

निशान यात्रा की परंपरा कब शुरू हुई थी

बहुत से भक्त जब मन्नत मांगने बाबा खाटूश्यामजी के मंदिर जाते हैं, तो वह भक्त बाबा के दरबार में माथा टेक मन्नत मांगते हैं और बाबा से प्रार्थना करते है कि है लखतादार, हारे का सहारा मेरी यह मन्नत पूरी होने पर मैं आपके दरबार पर निशान चढ़ाऊंगा। कई ऐसे भक्त भी होते हैं जो मन्नत पूरी होने से पहले भी बाबा के दरबार पर निशान चढ़ा देते हैं। खाटू श्यामजी को निशान चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और यह निशान बेहद पवित्र माना जाता है।

बाबा खाटूश्यामजी पर जो निशान चढ़ाया जाता है वह किसका प्रतीक है ?

खाटू श्याम पर जो निशान चढ़ाया जाता है, उसे झंडा कहते हैं। सनातन धर्म में ध्वज को विजय के प्रतीक के तौर पर माना जाता है। साथ ही बता दें, यह निशान श्याम बाबा द्वारा दिया गया बलिदान और दान का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि भगवान कृष्ण के कहने पर धर्म की जीत के लिए उन्होंने अपना शीश समर्पित कर दिया था और युद्ध का श्रेय भगवान कृष्ण को दिया था। श्याम बाबा के ध्वज का रंग केसरिया, नारंगी और लाल रंग का होता है। निशान पर कृष्ण और श्याम बाबा के चित्र और मंत्र अंकित होते हैं।

खाटू श्याम बाबा पर निशान चढ़ाने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?

कुछ निशानों पर नारियल और मोर पंख भी अंकित होता है। मान्यता है कि इस निशान को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सब मंगल ही मंगल रहता है। खाटू श्याम पर ध्वज चढ़ाने से पहले उसकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है और खाटू श्याम की यात्रा के समय भक्त उस ध्वज को अपने हाथ में ही रखते हैं। वर्तमान समय में भक्त सोने चांदी के बने निशान भी चढ़ाते हैं। निशान यात्रा में नंगे पांव चलकर भगवान के मंदिर तक पहुंचकर निशाना चढ़ाना बहुत उत्तम माना जाता है।