बाघिन के रेस्क्यू के अफवाह से रहें सावधान : बाघिन अब भी मरवाही वन मण्डल की सीमा से सटे मनेंद्रगढ़ के भौंता के जंगल में मौजूद…,वन विभाग ने किया सतर्क रहने का अपील…
पेण्ड्रा।मनेंद्रगढ़ (CG MP TIMES/08 दिसम्बर 2024) :
शावकों को जन्म देने के लिए सुरक्षित जगह तलाश रही बाघिन को लेकर सोशल मीडिया में किसी अन्य क्षेत्र का वीडियो शेयर करके अफवाह फैलाया जा रहा है कि बाघिन का रेस्क्यू कर पकड़ लिया गया है। इसलिए वन विभाग ने रेस्क्यू किए जाने के अफवाह से सावधान रहने की अपील करते हुए वीडियो जारी किया है कि बाघिन अब भी मरवाही वन मण्डल की सीमा से सटे मनेंद्रगढ़ वन मण्डल के भौंता के जंगल में मौजूद है, जहां बाघिन ने बकरी का शिकार भी किया है।
हालांकि मनेंद्रगढ़ वन मण्डल के जिस भौँता इलाके में बाघिन देखी गई है, वहां से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर मरवाही वन मण्डल के कांसबहरा के जंगल तक भी उस बाघिन की चहल कदमी देखी गई। इसलिए मरवाही वन मण्डल ने भी सभी ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
बता दें कि मरवाही के परासी गांव के बैगन फार्म और उसाड़ के जंगल में ड्रोन कैमरे से लिए गए तस्वीरों के आधार पर वन विभाग यह मान रहा है कि बाघिन शावकों को जन्म देने सुरक्षित जगह तलाश कर रही है। जगह तलाशते हुए बाघिन मरवाही वन मण्डल से मनेंद्रगढ़ वन मण्डल के भौंता जंगल पहुंच गई है। जिसके बाद मनेंद्रगढ़ के डीएफओ ने बिजली विभाग सीएसपीडीसीएल संभाग मनेंद्रगढ़ के कार्यपालन अभियंता को पत्र लिखकर कहा है कि, मनेंद्रगढ़ वन मण्डल अन्तर्गत मनेंद्रगढ़ और बिहारपुर परिक्षेत्र के क्षेत्रों गांवों में बाघिन के विचरण करने की संभावना है, जिसकी निगरानी और मुनादी महेंद्रगढ़ वन मंडल द्वारा किया जा रहा है। जिस क्षेत्र गांव में बाघ का विचारण हो रहा है, वहां की जानकारी कार्यपालन अभियंता को तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके बाद उस क्षेत्र गांव का विद्युत लाइन तत्काल बंद करना कार्यपालन अभियंता सुनिश्चित करेंगे। जिससे विद्युत करंट से बाघ को नुकसान ना हो। यदि विद्युत करंट से बाघ को नुकसान होता है, तो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के धारा 9 के तहत गैर जमानती अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
वन विभाग के अनुसार कान्हा नेशनल पार्क से एक बाघिन निकली हुई है। जो कि एक सप्ताह पहले अनूपपुर वन मण्डल के अमरकंटक परिक्षेत्र के मेढ़ाखार गांव में भैंस का शिकार कर दो दिनों तक वहीं डेरा जमाई हुई थी। अपने शिकार को खाने के बाद बाघिन वेंकटनगर के मुंडा के डोंगरी से होते हुए गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात में मरवाही वन मण्डल के ग्राम सिवनी में मवेशी पर हमला की थी। उसके बाद बाघिन मरवाही के परासी गांव में सोन नदी के किनारे स्थित बैगन (भाटा) सब्जी के फार्म में पहुंच गई थी और पूरे दिन उसी फार्म में ही रही। इसके बाद बाघिन शुक्रवार की रात्रि में परासी से 20 किलोमीटर दूर उसाड़ गांव पहुंच गई और बछिया पर हमला की। इसके बाद वह शनिवार को बाघिन मनेंद्रगढ़ वन मण्डल में प्रवेश कर गई है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया में सुरक्षित स्थान तलाश कर बाघिन शावकों को जन्म देगी। बाघिन की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पूरा वन अमला मुस्तैद है। डीएफओ की सख्त चेतावनी है कि बाघिन के मामले में किसी भी वन कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।