
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/27 अप्रैल 2024) :
दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ा सफेद भालू शावक आखिरकार अपनी मां और शावक भाई से मिला। मरवाही वन विभाग को भालू शावक को उसकी मां भालू से मिलाने में बड़ी सफलता मिली। मरवाही वन मंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने इसकी पुष्टि की है। मां काले भालू के साथ एक और सफेद शावक दिखा, जिसका मतलब है कि ये वही जुड़वा शावक हैं जो डोंगरिया में 6 मार्च की रात में एकलव्य स्कूल के पास अपनी मां की पीठ पर बैठकर मस्ती करते हुए दिखे थे।

बिछड़े हुए सफेद शावक को उसके परिवार से मिलाने और मां भालू को ढूंढने के लिए दो दिन से मरवाही वनमंडल कड़ी मश्क्कत कर रहा था। इस दौरान शुक्रवार रात को मरवाही वनमंडल के जंगल में बिछड़े हुए भालू शावक को उसकी मां के पास छोड़ा गया।
बता दें कि यह सफेद भालू शावक दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ कर अलग हो गया था, जो कि सड़क के किनारे भूख-प्यास से बेचैन अवस्था में गांव वालों को सड़क दिखा था जिसके बाद गांव वालों ने इसे पानी पिलाने और खिलाने का प्रयास किया था। वन विभाग को इसकी सूचना मिलते ही तत्काल इसे रेस्क्यू कर इसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और इसे फिर पेण्ड्रा के इंदिरा गार्डन में सुरक्षित रख दिया गया था।

इस बीच वन विभाग को जहां बच्चा मिला था उसके आसपास के जंगलों में ट्रेप कैमरे लगाकर उसके परिवार को खोजने का प्रयास कर रहा था। इस बीच कल रात को सफेद शावक के बच्चे का परिवार मिलने पर सुरक्षित इसके पिंजरे को उस स्थान पर ले जाकर खोला गया जहां आसपास मां भालू और भाई मौजूद थे। जिसके बाद बिछड़ा हुआ शावक अपने मां और भाई से मिल गया।
बता दें कि मरवाही क्षेत्र के जंगलों में भालुओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इस इलाके को भालू लैंड के नाम से जाना जाता है। इन जंगलों में सफेद भालू का होना दुर्लभ है। ये सफेद भालू जीन्स में परिवर्तन होने के कारण अल्बिनो हो जाते हैं जो कि ध्रुवीय प्रदेश में पाए जाने वाले पोलर बियर से अलग होते है।
डीएफओ रौनक गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र भालुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए नई योजना लाई जाएगी, जिस पर कार्य योजना बनाई जा रही है।
मरवाही के जंगल में 6 सफेद भालुओं के मौजूदगी की पुष्टि हो रही
इससे पहले 4 जनवरी 23 को झिरना पोड़ी जंगल और 10 नवंबर 22 में माड़ाकोट में सफेद भालू देखा गया था। ये भालू काले भालू के साथ देखे गए थे। झिरना पोड़ी के ग्रामीणों ने बताया था कि उनके यहां के जंगल में 3 सफेद भालू हैं। इस तरह से देखा जाए तो मरवाही के जंगल में 6 सफेद भालुओं के मौजूदगी की पुष्टि हो रही है।
एक सफेद सफेद भालू की कुएं में गिरने से हो चुकी है मौत
21 दिसंबर 2020 को मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम अंडी में किसान सुंदर सिंह पिता गयादीन गोंड़ के बाड़ी में स्थित कुएं में दुर्लभ प्रजाति का एक वर्षीय सफेद भालू की गिरने से मौत हो गई थी। ग्रामीणों के अनुसार उस सफेद भालू की मां काले रंग की थी क्योंकि उस भालू के कुएं में गिरने के बाद उसकी मां को चीखते हुए ग्रामीणों ने कुएं के पास देखा था।
मरवाही में 1995 में पहली बार मिली मादा सफेद भालू कमली भोपाल के चिड़िया घर में रखी गई थी
मरवाही के जंगलों में मादा सफेद भालू पहली बार वर्ष 1995 में मिली थी। काले भालुओं के जंगल में सफेद भालू पाए जाने का मामला पहली बार सामने आने के कारण इस भालू की चर्चा देश प्रदेश में थी। इसका नाम कमली रखा गया था। इसे इंदिरा उद्यान पेण्ड्रा के रेस्क्यू सेंटर में काफी समय तक रखने के बाद भोपाल के चिड़ियाघर ले जाकर रखा गया था, जिसे देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में जाते थे।