
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/13 अगस्त 2024) :
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के द्वारा 13 अगस्त को पेण्ड्रा और गौरेला नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि उनके द्वारा 12 अगस्त की शाम जिला प्रशासन के सामने विरोध जता मांग पूरी नहीं होने पर धरना प्रदर्शन का अल्टीमेटम दिया था, जिसके कारण लोगों के आक्रोश को देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा दोनों नगर पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा देने का आदेश 13 अगस्त को जारी किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने पेण्ड्रा व गौरेला नगर पंचायत को नगर पालिका में उन्नयन करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली थी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा 5 नगर पालिकाओं और 14 नगर पंचायतों को उन्नयन करने का आदेश जारी किया गया था, जिसमें पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पंचायत से नगर पालिका में उन्नयन नहीं करना छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की मंशा और नीयत पर सवाल उठाती थी।
12 अगस्त को जैसे ही नगरीय प्रशाशन के द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पंचायतों के नगर पालिका के रूप में उन्नयन करने का आदेश जारी किया, उसमें पेण्ड्रा व गौरेला का नाम नहीं होने पर जिला कांग्रेस व नगर के लोगों के द्वारा रात में ही जिला प्रशासनिक के अधिकारियों को अपना विरोध दर्ज कराया व लिखित रूप से स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि अगर पेण्ड्रा व गौरेला को नगर पालिका का दर्जा नहीं दिया जाता है तो 13 अगस्त को ही इसका घोर विरोध किया जायेगा।
जिसके बाद रात में ही जिला अधिकारियों के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारियों से संपर्क कर लोगों की नाराजगी व विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया गया था।
स्थानीय प्रशासन की रात भर चली कवायद और धरना प्रदर्शन की वजह से सरकार को झुकना पड़ा। जिससे दोनों ही नगर पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा देने का आदेश जारी करना पड़ा।
बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पालिका परिषद और मरवाही को नगर पंचायत बनाने का प्रकाशन हो गया था लेकिन विधानसभा चुनाव होने के बाद राज्य में भाजपा सरकार बन गई। वहीं कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन ने सिर्फ मरवाही को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। परन्तु पेण्ड्रा व गौरेला को दर्जा नहीं दिया गया जिससे लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। इसी नाराजगी की वजह से जिला कांग्रेस कमेटी जीपीएम के अध्यक्ष उत्तम वासुदेव के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
धरना प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा प्रदर्शन कारियों को बहुत मनाने समझाने की कोशिश की गई, पर प्रदर्शन कारी मानने को तैयार नहीं हुए। तब कहीं जाकर जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नगर वाशियों के प्रदर्शन को देखते हुए स्थानीय प्रशाशन के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री तक बात पहुचाई गई। जिसके कारण तत्काल आनन फ़ानन में पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पालिका परिषद का दर्जा देने का आदेश जारी किया गया।
आदेश की कॉपी आते ही गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले और पेण्ड्रा गौरेला नगर के लोगों व कांग्रेसजन ने मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्रालय व जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि इससे यह प्रतीत होता है कि अगर जिला कांग्रेस और नगर के आम लोगों के द्वारा शाम को ही विरोध नहीं जताया गया होता और धरना प्रदर्शन नहीं किया गया होता, तो छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की मंशा पेण्ड्रा और गौरेला को नगर पालिका के रूप में उन्नयन करने की नहीं थी।
धरना प्रदर्शन में जीपीएम जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उत्तम वासुदेव, नगर पंचायत पेण्ड्रा अध्यक्ष राकेश जालान, पार्षद इक़बाल सिंह, पेण्ड्रा ब्लॉक अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास, गौरेला ब्लॉक अध्यक्ष अमोल पाठक, पवन सुल्तानिया, सादिक खान, मनीष केशरी, पार्षद मैकू भरिया, पार्षद प्रेमवती कोल, जेलेश सिंह, पवन केशरवानी, शारदा चरण, उमाकांत सोनी, शकुंतला रजक, पार्षद पारस चौधरी, बलदेव यादव, वीरेंद्र मिश्रा, श्रीनू राव, सुभाष मित्तल, रवि राय, रियांश सोनी, संतोष ठाकुर, गिरिजरनी पोट्टाम, द्वारिका कोल, मंजु ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित नगरवासी उपस्थित थे।