पुलिस विभाग की मानवीय पहल : दिवंगत प्रधान आरक्षक के 9 वर्षीय बेटे को एसपी भावना गुप्ता ने दिया बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति…,पढ़िए पुलिस में क्या होता है बाल आरक्षक ?

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/05 अप्रैल 2024) :
जीपीएम जिला पुलिस विभाग ने मानवीय पहल करते हुए ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए प्रधान आरक्षक के 9 वर्षीय बेटे आश्विक मराबी को बाल आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिया है। बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति का आदेश गुरुवार 4 अप्रैल को एसपी भावना गुप्ता द्वारा प्रदान किया गया। बता दें कि प्रधान आरक्षक का सेवाकाल के दौरान आकस्मिक निधन होने पर उनके पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है।

प्रधान आरक्षक स्वर्गीय देवचरण मराबी पूर्व में जीपीएम जिला में पदस्थ थे। पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज के आदेश पर बिलासपुर स्थानांतरण पर विगत 02 वर्ष से कार्यरत थे।  बिलासपुर में ड्यूटी के दौरान दिनांक 20 अक्टूबर 2023 को देवचरण मराबी का आकस्मिक निधन हो गया था।

पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज, बिलासपुर के आदेश पर गुरुवार दिनांक 04/ 04/2024 को जीपीएम जिले की एसपी भावना गुप्ता के द्वारा स्वर्गीय देवचरण मराबी के 9 वर्षीय पुत्र आश्विक मराबी को बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई। इस अवसर पर एसपी भावना गुप्ता ने आश्विक को कहा कि अच्छे से पढ़ाई करें, आगे बहुत संभावनाएं हैं, पूरा पुलिस परिवार आपके साथ है। इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय निकिता तिवारी, थाना प्रभारी गौरेला सौरभ सिंह एवं कार्यालीन स्टाफ उपस्थित थे।

क्या होता है बाल आरक्षक ?
ड्यूटी के दौरान कर्मचारी के आकस्मिक निधन पर परिवार के एक बालिग सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान सभी सरकारी विभागों में होता है। इसी तरह से पुलिस विभाग में भी अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। लेकिन पुलिस विभाग एवं अन्य विभाग में यह अन्तर है कि यदि ड्यूटी के दौरान दिवंगत पुलिस कर्मी के परिवार में नौकरी पाने वाला सदस्य बालिग नहीं है तो उसे नाबालिक रहने के दौरान बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति दे दी जाती है। इसी प्रावधान के तहत दिवंगत प्रधान आरक्षक देवचरण मराबी के पुत्र आश्विक मराबी को बाल आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। जिसे बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति मिलती है उसे आरक्षक से आधा वेतन प्रतिमाह दिया जाता है। बालिग होने तक बाल आरक्षक को ड्यूटी के रुप महीने में सिर्फ एक दिन पुलिस लाईन में जाकर हस्ताक्षर करना होता है। बाल आरक्षक को पुलिस विभाग द्वारा पढ़ाई के लिए भी सुविधा दी जाती है। बाल आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए 9 वर्षीय आश्विक मराबी पुलिस आरक्षक के पद पर नियुक्त हो चुके हैं, लेकिन उन्हें महीने में एक दिन पुलिस लाईन में जाकर उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करना पड़ेगा। बाकी समय वो पढ़ाई करेंगे। पुलिस विभाग उन्हें महीने का आधा वेतन देगा। जिस दिन आश्विक मराबी 18 वर्ष के हो जाएंगे, तो वो पूर्ण रूप से आरक्षक के पद पर पदस्थ हो जायेंगे और उन्हें पूर्ण वेतन मिलने लगेगा।