
रायपुर। गौरेला पेण्ड्रा मरवाही (छग एमपी टाइम्स/16 मार्च 2024) :
छत्तीसगढ़-एमपी बॉर्डर से सटे छत्तीसगढ़ राज्य के जीपीएम जिले के धान खरीदी केंद्र परासी में 15 मार्च को खरीदी केंद में धान की बोरियां खाली करते हुए पिकअप जब्ती की गई है। खरीदी सीजन निकलने के डेढ़ माह बाद खरीदी केंद में धान की बोरियों से लदे पिकअप के पकड़े जाने के बाद नव पदस्थ कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी इस मामले में बहुत नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शासन का खजाना लूट रहे खरीदी प्रभारी शेष नारायण दुबे को जेल भेजा जा सकता है। पीडीएस घोटाले में शेष नारायण दुबे पहले भी जेल जा चुका है। खरीदी प्रभारी शेष नारायण दुबे के द्वारा बहुत से किसानों के नाम पर सेटिंग करके परासी खरीदी केंद में 2000 क्विंटल से अधिक धान की फर्जी खरीदी का अंदेशा है। उसी कागजी फर्जी खरीदी की धान की पूर्ति के लिए खरीदी केंद्र में कई दिनों से लगातार विभिन्न वाहनों के माध्यम से धान डंप किया जा रहा था जिसमें शंका होने के बाद ग्रामीणों ने एक पिकअप को पकड़कर पुलिस को सूचना दिया गया जिसके बाद पुलिस और तहसीलदार ने मौके पर पहुंच कर पिकअप एवं 80 बोरा धान जप्त किया गया। खरीदी सीजन निकलने के बाद धान लाए जाने के सम्बंध में खरीदी केंद प्रभारी शेष नारायण दुबे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। खरीदी केंद में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच होनी चाहिए।
इस घटना के बाद पूरे जीपीएम जिले में हुए धान खरीदी पर सवालिया निशान लग गया है और पूरे जिले की प्रदेश में बदनामी हो रही है।
15 मार्च को ही शाम को कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने मार्गदर्शी बैंक योजना के तहत जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति/पुनरीक्षा समिति की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने इस घटना पर काफी नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्यवाही का आदेश दिया है।
बता दें कि जीपीएम पुलिस की शिकायत हेल्प लाईन नंबर 9479191792 समाधान में पुलिस को सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देश पर राजस्व, खाद्य और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा 80 बोरा धान सहित पिकअप क्रमांक सीजी 10 बीजी 5311 की जब्ती की त्वरित कार्यवाही 15 मार्च की दोपहर में की गई थी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में 1 नवम्बर से 4 फरवरी तक शासन द्वारा बनाए गए खरीदी केन्द्रों में किसानों से धान की खरीदी की गई थी, इसलिए 4 फरवरी के बाद धान खरीदी केन्द्रों में धान लाया जाना शासन की आंख में धूल झोंकने का आपराधिक मामला है। इस मामले में अब तक खरीदी प्रभारी शेष नारायण दुबे के विरूद्ध अपराध दर्ज नहीं किए जाने को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं वहीं बड़ी मात्रा में सिर्फ कागज में ही फर्जी धान खरीदी किए जाने के कारण खरीदी केंद में धान की मात्रा बहुत कम पाई गई थी इसलिए अब यह भी देखने योग्य होगा कि किस मिलर्स के पास धान उठाव का डी.ओ. (डिलेवरी ऑर्डर) था और उस डी.ओ. से मिलर्स ने 14 मार्च तक कितना धान उठाव किया था।
15 मार्च 2024 की स्थिति में धान खरीदी केंद्र परासी में 1134 क्विंटल (2835 बोरी धान) का उठाव करना बचा
उल्लेखनीय है कि 15 मार्च 2024 की स्थिति में धान खरीदी केंद्र परासी में 1134 क्विंटल धान (2835 बोरी धान) का उठाव करना बचा है। यदि सीसीटीवी कैमरे से नव पदस्थ कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने इस मामले का बारीकी से जांच कराया तो उन्हें एमपी बॉर्डर में बसे जीपीएम जिले की धान खरीदी केंद्र परासी की बहुत बड़ी हकीकत का उन्हें पता चलेगा कि अब तक कितने ट्रक धान की वहां से निकासी हुई है ? सीसीटीवी कैमरे की जांच के बाद निश्चित तौर पर खरीदी प्रभारी शेष नारायण दुबे की असली जगह जेल में होगी।