धान खरीदी केंद्र परासी के प्रभारी शेष नारायण दुबे और पिकअप से घसीटकर मारने के प्रयास करने वाले ड्राईवर मोती केवट के विरूद्ध शिकायत कलेक्टर व एसपी से कर कार्यवाही की मांग की गई…,धान से भरा एक पिकअप पुलिस प्रशासन की टीम ने पकड़ा था, एक भरा पिकअप लेकर ड्राईवर भाग गया था…,एमपी बॉर्डर से लगे धान खरीदी केंद्र परासी में धान खरीदी सीजन निकलने के डेढ़ माह बाद धान लाने का मामला…

रायपुर। गौरेला पेण्ड्रा मरवाही (छग एमपी टाइम्स/18 मार्च 2024) : 
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश बॉर्डर से सटे छत्तीसगढ़ राज्य के जीपीएम जिले के धान खरीदी केंद्र परासी में धान की बोरियां खाली करते हुए पिकअप जब्ती एवं धान की बोरियों से भरा हुआ एक पिकअप नंबर एमपी 65 जीए 4132 का ड्राइवर मोती केवट द्वारा शिकायतकर्ता जवाहर लाल केवट को घसीटते हुए पिकअप लेकर भागने के मामले में सोमवार को जवाहर लाल केवट ने जीपीएम जिले की कलेक्टर एवं एसपी से लिखित शिकायत कर धान खरीदी केंद्र परासी के प्रभारी शेष नारायण दुबे के विरूद्ध जान से मारने की धमकी देने और पिकअप रोकने का प्रयास करने पर शिकायतकर्ता को घसीटते हुए धान से भरे पिकअप को लेकर भागने वाले चालक मोतीलाल केवट के विरूद्ध जान से मारने की कोशिश करने की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के जीपीएम जिले में सबसे अनोखा धान खरीदी केंद्र परासी है जहां धान खरीदी सीजन निकलने के डेढ़ माह बाद खरीदी केंद में धान की 80 बोरियों को खाली करते हुए शिकायतकर्ता जवाहर लाल केवट ने अपनी जान पर खेलकर पकड़वाया था। इस दौरान एक भरी हुई पिकअप धान खरीदी केंद्र प्रभारी शेष नारायण दुबे के कहने पर जवाहर लाल केवट को घसीटते हुए भाग गई। इस दौरान जवाहर लाल बाल बाल बचे थे, क्योंकि इस घटना में उनकी जान भी जा सकती थी।

बता दें कि जीपीएम पुलिस की शिकायत हेल्प लाईन नंबर 9479191792 समाधान में पुलिस को सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देश पर राजस्व, खाद्य और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा 80 बोरा धान सहित पिकअप क्रमांक सीजी 10 बीजी 5311 की जब्ती की त्वरित कार्यवाही की गई थी। वहीं पिकअप नंबर एमपी 65 जीए 4132 का ड्राइवर मोती केवट का ड्राइवर शिकायतकर्ता जवाहर लाल केवट को घसीटते हुए वहां से भरी पिकअप को लेकर भाग गया। चूंकि पिकअप नंबर नम्बर मध्य प्रदेश पासिंग है इसलिए उसमें धान भी मध्य प्रदेश की होने की संभावना है।

धान खरीदी केंद्र परासी के प्रभारी शेष नारायण दुबे पहले भी जेल जा चुके हैं। उनपर बहुत से किसानों के नाम पर सेटिंग करके परासी खरीदी केंद में 2000 क्विंटल से अधिक धान की कागजों में ही फर्जी खरीदी का आरोप है। उसी कागजी फर्जी खरीदी की धान की पूर्ति के लिए खरीदी केंद्र में कई दिनों से लगातार विभिन्न वाहनों के माध्यम से धान डंप किया जा रहा था। जिसमें शंका होने के बाद ग्रामीणों ने एक पिकअप को पकड़कर पुलिस को सूचना दिया गया जिसके बाद पुलिस, तहसीलदार और खाद्य अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर पिकअप एवं 80 बोरा धान जप्त किया। इस दौरान खरीदी सीजन निकलने के बाद धान लाए जाने के सम्बंध में खरीदी केंद प्रभारी शेष नारायण दुबे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके थे। शिकायत पत्र में मांग की गई है कि खरीदी केंद में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच होनी चाहिए।

1134 क्विंटल धान का उठाव बचा परन्तु मौके पर कम धान, इसलिए बाहर से मंगाया जा रहा था धान
उल्लेखनीय है कि 15 मार्च 2024 की स्थिति में धान खरीदी केंद्र परासी में 1134 क्विंटल धान (2835 बोरी धान) का उठाव करना बचा था। यदि नव पदस्थ कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी एवं एसपी भावना गुप्ता ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बारीकी से जांच कराया तो उन्हें एमपी बॉर्डर में बसे जीपीएम जिले की धान खरीदी केंद्र परासी की बहुत बड़ी हकीकत का पता चलेगा। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से जांच के बाद निश्चित तौर पर खरीदी प्रभारी शेष नारायण दुबे की असली जगह जेल में होगी।