छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग : युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को चौपट करने का सेटअप जारी, 5 कक्षा के लिए 5 शिक्षक देने में असफल सरकार लाई 2 शिक्षक का सेटअप…,सरकारी स्कूल बनकर रह जाएंगे मध्यान्ह भोजन केन्द्र…,नए सेटअप से गरीब-मध्यम वर्ग के डीएड, बीएड, टेट किए युवाओं का 33000 रिक्त पदों पर भर्ती होने का सपना हो जाएगा दफन…,युवा घर में पड़े-पड़े हो जाएगा ओवर एज, क्योंकि अतिशेष शिक्षकों की हो जाएगी भरमार…,गुणवत्ता विरोधी सेट अप का शिक्षक संगठन करेंगे विरोध…,पढ़िए पूरी खबर…

रायपुर (CG MP TIMES/10 अगस्त 2024) :
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का हाईकोर्ट में 8 अगस्त को केवियट दाखिल कर 2 अगस्त के बेक डेट में 9 अगस्त को जो स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण और स्कूलों में शिक्षकों के सेटअप का जो नया आदेश जारी किया है, उस आदेेश से राज्य की प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट होकर ये स्कूल सिर्फ मध्यान्ह भोजन केन्द्र बनकर रह जायेंगे। प्राथमिक स्कूलों में 5 कक्षाओं के लिए 5 शिक्षक देने में असफल सरकार 60 बच्चों में 1 प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक सहित 2 शिक्षक का सेटअप लागू की है। जबकि इससे पहले 60 बच्चों पर 1 प्रधान पाठक और 2 सहायक शिक्षक रखने का सेट अप था। हालांकि यह भी नाकाफी था क्योंकि अच्छी शिक्षा के लिए हर कक्षा में एक शिक्षक होना चाहिए, फिर भी सरकार के नीति निर्धारकों ने अब एक शिक्षक की संख्या और घटाकर प्राथमिक शिक्षा को बर्बाद करने के सेट अप पर हस्ताक्षर कर दिया है।



ऐसा ही मिडिल स्कूल के सेट अप में भी करके 1 शिक्षक की संख्या में कटौती कर दी गई है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल में शिक्षक का जो सेटअप जारी किया गया है, उसके दायरे में प्रदेश भर के लगभग 70 से 80 प्रतिशत स्कूल आयेंगे, जिससे शिक्षकों के अतिशेष की बाढ़ आ जायेगी।



बढ़ेगी बेरोजगारी, डीएड, बीएड, टेट किए युवा नहीं बन सकेंगे शिक्षक


इस सेटअप से बेरोजगारी भी चरम पर पहुंच जाएगी, क्योंकि गरीब और मध्यम वर्ग के डीएड, बीएड, टेट किए युवाओं का शिक्षक बनने का सपना नया सेटअप लागू होने से दफन हो जायेगा और शिक्षक बनने का सपना संजोया ये युवा वर्ग घर में पड़े-पड़े ही ओवर एज हो जाएगा। भाजपा ने मोदी की गारंटी घोषणापत्र में बंद किये गए स्कूलों को खोलने की गारंटी दी थी, लेकिन उसके उलट 4000 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर बंद कर रही है, स्कूलों में शिक्षक का जो सेटअप जारी की है, उस सेटअप की वजह से 40000 से ज्यादा शिक्षक अतिशेष हो सकते हैं।




57000 पदों की भर्ती का मोदी का गारंटी धराशाई, 33000 शिक्षकों की नई भर्ती का सपना भी सरकार ने किया चकनाचूर


इस सरकार ने विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में मोदी का गारंटी दिया था कि सरकार में आने पर 57000 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले डीएड, बीएड, टेट किए हुए युवाओं को सपना दिखाया था कि प्रदेश में 33000 शिक्षकों की नई भर्ती की जाएगी। लेकिन सरकार अब ऐसा सेटअप जारी की है, कि जो शिक्षक पहले से स्कूलों में कार्यरत हैं, उन्हीं में से हजारों शिक्षक अतिशेष हो सकते हैं। स्थिति यहां तक आ सकती है कि इस सेटअप के कारण बहुत से शिक्षकों को सरकार द्वारा वीआरएस भी देना पड़ सकता है, क्योंकि सेटअप से ज्यादा शिक्षकों को आखिर स्कूलों में कैसे रखा जाएगा ?



33000 शिक्षक भर्ती होने से लगभग 15000 भाजपा समर्थित परिवार के युवाओं को भी मिलती नौकरी


विधानसभा चुनाव में 44% वोट पाने वाली भाजपा यदि 33000 शिक्षकों की भर्ती करती तो औसतन 15000 भाजपा समर्थित परिवार के युवाओं को भी नौकरी मिलती। बता दें कि भूपेश सरकार को बदलने में डीएड बीएड संघ का भी महत्वपूर्ण योगदान था।




क्या है नए सेट अप में ?


कई वर्षों से जो सेटअप स्कूलों में लागू रहा है, उस सेटअप के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 60 से कम दर्ज संख्या में न्यूनतम 1+2 (1 प्रधान पाठक और 2 सहायक शिक्षक) होने चाहिए थे। 75 से अधिक दर्ज संख्या में ये अनुपात 1 प्रधान पाठक और 3 सहायक शिक्षक हो जाता था और इसी अनुपात में शिक्षकों की पदस्थापना होती थी। जिन स्कूलों में इस अनुपात से कम शिक्षक होते थे, वहां पद रिक्त माना जाता था। लेकिन नए सेट अप में 60 बच्चों की दर्ज संख्या में अब 1+1 (1 प्रधान पाठक और 1 सहायक शिक्षक) स्कूल में पदस्थ रहेंगे।

इसी तरह से मिडिल स्कूलों में 105 कि दर्ज संख्या तक न्यूनतम 1+4 (1 प्रधान पाठक और 4 शिक्षक) होने चाहिए थे, लेकिन अब नए सेट अप में 105 बच्चों की दर्ज संख्या में 1+3 (1 प्रधान पाठक और 3 शिक्षक) स्कूल में पदस्थ रहेंगे।



इस नए सेट अप के दायरे में प्रदेश के लगभग 70 से 80% स्कूल आयेंगे और इन स्कूलों से बड़ी संख्या में शिक्षक को अतिशेष करके दूसरे स्कूलों में पदस्थ कर दिया जाएगा। जिससे स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त दिख रहे पद रिक्त नहीं रह जायेंगे। इस तरह से सरकार स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के कीमत पर नए शिक्षकों की भर्ती करने से बच जायेगी।



शिक्षा की गुणवत्ता विरोधी नए सेट अप का शिक्षक संगठनों ने शुरु किया विरोध


नए सेटअप का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरु कर दिया है क्योंकि नया सेट अप शिक्षा का गुणवत्ता विरोधी है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और खराब होगी, जिसका खामियाजा बच्चों के साथ साथ शिक्षकों को भी भुगतना पड़ेगा। इसलिए शिक्षक संगठनों ने इस सेटअप का विरोध शुरु कर दिया है।