छत्तीसगढ़ : युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों की नई पदस्थापना संकुल स्तर पर रिक्त संस्था में करने के बाद बचे स्कूलों के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाने की मांग उठी…,एक परिसर में संचालित स्कूल और राष्ट्रीय मानक से कम दर्ज संख्या वाले स्कूल युक्तियुक्तकरण की जद में आए…,लगभग 13000 शिक्षक होंगे इधर से उधर…,स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या, शिक्षकों की वरिष्ठता व कार्यभार ग्रहण की तारीख सहित जानकारी मंगाई गई…

रायपुर (CG MP TIMES/03 अगस्त 2024) :
छत्तीसगढ़ में लगभग 4 हजार स्कूलों एवं 13000 शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के ड्राफ्ट पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा 2 अगस्त शुक्रवार को मुहर लगाने की चर्चा है। इससे युक्तियुक्तकरण का रास्ता साफ हो गया है। एक परिसर में संचालित स्कूल और राष्ट्रीय मानक से कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को युक्तियुक्तकरण की जद में लिया गया है। युक्तियुक्तकरण के लिए सभी स्कूलों को आदेश जारी करके स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या, शिक्षकों का वरिष्ठता क्रम में नाम, स्कूल में शिक्षक के कार्यभार ग्रहण की तारीख सहित जानकारी बीईओ के माध्यम से मंगाई जा रही है। वहीं युक्तियुक्तकरण का जिन्न बाहर आने के बाद शिक्षक संगठनों ने शासन से मांग किया है कि युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों की नई पदस्थापना के लिए सबसे पहले प्रभावित शिक्षक यदि चाहे तो उसकी पदस्थापना संकुल स्तर पर ही रिक्त संस्था में की जाए और उसके बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाई जाए, जिससे कि पारदर्शी तरीके से प्रभावित शिक्षकों की पदस्थापना हो सके।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने युक्ति युक्तकरण की तैयारी का ड्राफ्ट प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री को बताया कि युक्तियुक्तकरण कैसे किया जाएगा। इसके बाद सीएम ने ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी।

ड्राफ्ट के अनुसार सरकार पहले स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करेगी। प्रदेश में लगभग 4 हजार स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही कैंपस में और स्कूलों के साथ चल रहे हैं। लगभग डेढ़ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें राष्ट्रीय मानक के हिसाब से बच्चे 10 से कम हैं। इनमें 100 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चे 10 से कम हैं और शिक्षक राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक हैं। ऐसे स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। 7300 शिक्षक अतिशेष हैं और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के बाद करीब छह हजार शिक्षक और अतिशेष हो जाएंगे। इस तरह विभाग को करीब 13 हजार शिक्षक मिल जाएंगे। अफसरों का दावा है कि इतने शिक्षकों के बाद शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर हो जाएंगी। जिसके कारण फिलहाल शिक्षक भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेंगी।

इसके लिए अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग का अधिकार जिले के कलेक्टरों को दिया जा रहा है। कलेक्टर बीईओ, डीईओ से शिक्षक छात्र अनुपात एवं स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत की जमीनी जानकारी लेने के बाद निर्णय लेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया गया है।