छत्तीसगढ़ में DA मामला : कर्मचारियों पेंशनरों के समस्त संगठनों ने शासन से मांग किया कि, “आज 16 मार्च को आचार संहिता लागू” होने से पहले शासन डीए के जारी आदेश में संशोधन कर “देय तिथि” से लागू करने का आदेश जारी किया जाए…,मार्च से डीए वृद्धि आदेश से 6 लाख कर्मचारी-पेंशनर नाराज…,देय तिथि से डीए देने की “मोदी की गारंटी” को वित्त विभाग “जुमला” न बनाए….विष्णु देव साय गलत परम्परा की पुनरावृत्ति न करे…

छत्तीसगढ़ में विष्णु देव सरकार के द्वारा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मार्च से लागू किए जाने का आदेश पढ़कर प्रदेश के 6 लाख कर्मचारी और पेंशनर भारी नाराज हैं और कह रहे हैं कि देय तिथि से डीए देने की “मोदी की गारंटी” को वित्त विभाग “जुमला” न बनाए।

नाराज कर्मचारियों पेंशनरों के समस्त संगठनों कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और कर्मचारी अधिकारी महासंघ, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, लिपिक वर्गीय संघ व पेंशनर्स संघ सहित विभिन्न संगठनों के “छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा” ने शासन से मांग किया है कि आज 16 मार्च को आचार संहिता लागू होने से पहले शासन महंगाई भत्ता के जारी आदेश में संशोधन कर उसे “देय तिथि” से लागू करने का आदेश जारी करवाए।

कर्मचारी पेंशनरों के सभी संगठनों का स्पष्ट कहना है कि डीए के एरियर रोकने के जिस गलत परंपरा को भूपेश सरकार में 5 साल तक कर्मचारी पेंशनरों में भुकता है, उस गलत परंपरा को किसी भी हाल में विष्णु देव सरकार में नहीं भुगतेंगे। इसलिए यह सरकार अपने महंगाई भत्ता बढ़ाने के अपने पहले ही आदेश में जो गलती की है, उस गलती का आचार संहिता लगने से पहले ही तत्काल सुधार करे।

अन्यथा आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्मचारी सड़क पर उतरकर विष्णु देव सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे। कर्मचारी पेंशनरों का स्पष्ट कहना है कि विधानसभा चुनाव में सभी ने एकजुट होकर भाजपा सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। उसका यह सिला मिलेगा यह किसी भी कर्मचारी और पेंशनर ने नहीं सोचा था।

कर्मचारी पेंशनरों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में “मोदी की गारंटी” शब्द का उपयोग कर जो वायदा किया गया था, उस वायदे के तहत महंगाई भत्ता देय तिथि से देने की “गारंटी” को “जुमला” नहीं बनाया जाए।