छत्तीसगढ़ के प्रायमरी स्कूलों में 5 कक्षाओं के 18 पीरियड पढ़ाई के लिए सिर्फ 2 शिक्षकों की पदस्थापना के अव्यवहारिक सेटअप का विरोध हुआ तेज…,आनलाईन अवकाश नियम के विरोध सहित एलबी शिक्षकों की मांग का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने जिला प्रशासन को सौंपा…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/22 अगस्त 2024) :
शिक्षा विभाग द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण के अव्यवहारिक नियम, आनलाईन अवकाश नियम के विरोध और एलबी संवर्ग शिक्षकों के मुख्य मांगो के सम्बंध में मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा संचालक के नाम का ज्ञापन शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में सौंपा। यह ज्ञापन जीपीएम जिले में भी जिला प्रशासन को सौंपा गया।

ज्ञापन में उल्लेखित किया गया कि, छ.ग. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग का 2 अगस्त को जारी निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित, शिक्षक व पालक हितों के प्रतिकूल है। जिसके संबंध में मांग किया गया कि सर्वप्रथम प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे। 2008 के सेटअप में पूर्व माध्यमिक शाला में जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था। इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे यह नियम व्यवहारिक नहीं है। इसी तरह 2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था, वर्तमान में एक पद कम कर दिया गया है यह व्यवहारिक नही है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है।

प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाले इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50 प्रतिशत तक कम होगी, इससे शिक्षकों के पदोत्रति के अवसर कम होंगे जो पूर्णतः अनुचित है। इसी तरह प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है, इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी। जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है इससे नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा।

ज्ञापन में बताया गया कि प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा। युक्तियुक्तकारण की संपूर्ण प्रक्रिया सार्वजनिक की जावे तथा दावा आपत्ति करने व उसके निराकरण का समुचित अवसर प्रदान किया जावे तथा स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाए। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से टीचर्स एसोशियेशन के जिलाध्यक्ष मुकेश कोरी, कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक सुरेन्द्र सिंह, जिला महासचिव सत्यनारायण जायसवाल, सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिलाध्यक्ष दिनेश राठौर, कर्मचारी कांग्रेस की जिलाध्यक्ष प्रकाश रैदास, सर्व शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, पीयूष गुप्ता, स्मिता गोवर्धन, ज्योति दुबे, अजय चौधरी, राकेश चौधरी, ओमप्रकाश सोनवानी, रामानंद गौतम, तुलसीदास महिलांगे, होमेश्वर धुर्वे, हेमंत राठौर, रामचंद्र राठौर, सुपेत मराबी, ऋषिकेश मिश्रा, संजय सोनी, अमिताभ चटर्जी, यज्ञनारायण शर्मा, महेंद्र मिश्रा, गुलाब सिंह बंजारा, विनोद मिश्रा, रंजीत राठौर, राजकुमार पटेल, रत्नेश सोनी, अशोक काशीपुरी, अवधराम कश्यप उपस्थित थे।

ऑनलाइन आकस्मिक अवकाश का आदेश अव्यवहारिक

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एजुपोर्टल में ऑनलाइन अवकाश के सम्बंध में नियम बनाया गया है वह विसंगतिपूर्ण है, जिसमें सुधार करते हुए मेडिकल अवकाश, अर्जित अवकाश, संतान पालन अवकाश लेने के एक सप्ताह के अंदर एजुपोर्टल में ऑनलाइन एंट्री का ऑप्शन दिया जावे एवं आकस्मिक अवकाश व एच्छिक अवकाश को ऑफ लाइन आवेदन देने की प्रक्रिया को यथावत रखा जाये।

शिक्षक एलबी संवर्ग की पूर्व सेवा गणना की मांग

एलबी संवर्ग शिक्षकों की पूर्व सेवा की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन का निर्धारण कर, सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर क्रमोन्त्रत वेतनमान का निर्धारण करने और पुरानी पेंशन निर्धारित कर कुल 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पूर्ण पुरानी पेंशन प्रदान करने की मांग की गई।