छत्तीसगढ़ : एलबी संवर्ग शिक्षकों को बड़ी राहत…,पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से देने बिलासपुर हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर 6 महीने में सकारात्मक निर्णय लेने का आदेश दिया….,पेंशन नियम 1976 के तहत पुरानी पेंशन योजना लाभ प्रदान करने की गुहार लगाई थी… पढ़िए पूरी खबर…

बिलासपुर।रायपुर(छग एमपी टाइम्स/13 मार्च 2024) :
एलबी संवर्ग शिक्षकों की सेवा अवधि के निर्धारण की मांग को लेकर एलबी संवर्ग शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को राहत प्रदान की है।

हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को याचिकाकर्ता शिक्षकों के अभ्यावेदन पर छह महीने के भीतर सकारात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को विभाग के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने कहा है। शिक्षक एलबी संवर्ग (शिक्षाकर्मियों) ने प्रथम नियुक्ति दिनांक से यानी 1998 से सेवा अवधि की गणना करने के संबंध में पेंशन नियम 1976 पुरानी पेंशन योजना लाभ प्रदान करने की गुहार लगाई थी।

याचिकाकर्ता नयन कुमार, राम लखन, लीलाधर, खेमराज धनेश्वरी, योगिता, मो. अलीम एवं अन्य ने अधिवक्ता नसीमुद्दीन अंसारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनकी वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी के पद पर नियुक्ति हुई थी। शासन के निर्देशानुसार 2018 को छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर एलबी संवर्ग में संविलियन किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने शासन के निर्देश व मापदंडों का हवाला देते हुए कहा है कि संविलियन निर्देश क्रमांक 1 की कंडिका 4 में वर्णित शिक्षक एलबी संवर्ग को देय सम्मस्त लाभ के लिए गणना संविलियन 1 जुलाई 2018 से की जाएगी। याचिकाकर्ताओं ने शिकायत की है कि संविलियन के दौरान पूर्व सेवा अवधि वर्ष 1998 से 30 जून 2018 तक कुल 20 वर्ष की गणना नहीं किये जाने से पेंशन नियम 1976 के तहत पेंशन हित लाभ से वंचित होना पड़ेगा।

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि हमारी प्रथम नियुक्ति वर्ष 1998 से सेवा अवधि मानते हुए सेवा की गणना कर छग सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 पुरानी पेंशन योजना प्रदान करने शासन को निर्देशित करने की गुहार लगाई है। याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं की मांग व तर्क से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर छह महीने के भीतर सकारात्मक निर्णय लेने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने कहा है।