छत्तीसगढ़ : आम एलबी शिक्षकों की नाराजगी को भांपकर 4 संगठनों के शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सभी संगठनों से हड़ताल में शामिल होने किया अपील…,24 तारीख की हड़ताल में बड़ी संख्या में शामिल हो रहे एलबी शिक्षक…,पूर्व सेवा गणना, क्रमोन्नति, पेंशन सबकी एक मांग होने के बावजूद घमण्ड में डूबे शिक्षक नेताओं के एक मंच पर नहीं आने से 26 वर्षों में नहीं हुआ समस्याओं का समाधान, इस बीच बड़ी संख्या में बिना पेंशन के रिटायर हो गए शिक्षक…

रायपुर (CG MP TIMES/22 अक्टूबर 2024) :
छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षा कर्मी जिन्हें शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद जुलाई 2018 से एलबी संवर्ग शिक्षक के नाम से जाना जाता है।इनकी संख्या राज्य में लगभग 1 लाख 60 हजार है। इनका शिक्षा विभाग में संविलियन करते ही तत्कालीन डॉ. रमन सिंह की सरकार ने इनकी 20 वर्षों की सेवा को शून्य कर दिया था। लेकिन तब के नेतृत्व ने पूर्व सेवा के शून्य होने को बहुत ही हल्के स्तर में लिया था और शून्य सेवा की शर्त पर संविलियन स्वीकार कर लिया था। उसके बाद जैसे जैसे समय गुजरता गया और पूर्व सेवा के शून्य होने का असर पेंशन, पदोन्नति, क्रमोन्नति, वेतनमान पर पड़ने लगा, तब इन्हें समझ में आया कि शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद अब सामने दिख रहे सभी समस्याओं की जड़ पूर्व सेवा का शून्य होना है। इसलिए ये एलबी संवर्ग शिक्षक अब हर हाल में पूर्व सेवा गणना कराना चाहते हैं और पूर्व सेवा के आधार पर ही शिक्षा विभाग में समस्त स्वत्वों का लाभ चाहते हैं।

खेमेबाजी और गुटबाजी में एलबी शिक्षक संगठनों ने 5 साल गंवाया
एलबी शिक्षक संगठनों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि ये कई गुटों, कई खेमों में बंटे हुए हैं। खेमेबाजी और गुटबाजी के कारण ही पिछले 5 साल भूपेश बघेल सरकार में इन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। भूपेश सरकार के अंतिम वर्ष 2023 में बड़े संगठनों ने मिलकर मोर्चा बनाया, लेकिन घमण्ड में डूबे सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेता मनीष मिश्रा ने उस एकता को तोड़कर आन्दोलन का अलग राह पकड़ा। जिससे नाराज होकर राज्य के आम एलबी संवर्ग शिक्षकों ने मनीष मिश्रा का साथ नहीं दिया और आंदोलन बुरी तरह से फ्लाफ हो गया। वहीं अन्य एलबी शिक्षक संगठनों ने पिछले 5 साल निष्क्रियता की सारी हदें पार कर करते हुए पूरा 5 साल गवां दिया।

अतीत से सबक
अतीत से सबक लेकर 4 एलबी शिक्षक संगठनों टीचर्स एसोशियेशन, सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन, शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ ने शिक्षक संघर्ष मोर्चा नाम का एक मंच फिर बनाया है। इन संगठनों की विशेषता यह है कि इनमें से टीचर्स एसोशियेशन और सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन का गठन सभी जिलों में है, वहीं शालेय शिक्षक संघ का भी अधिकतर जिलों में गठन है। इसलिए इन संगठनों से बड़ी संख्या में एलबी शिक्षक जुड़े हुए हैं।

वहीं इस मोर्चा से अलग 16 संगठनों ने अलग मोर्चा बना लिया है। जिन 16 संगठनों ने अलग मोर्चा बनाया है, उनमें से केदार जैन के नेतृत्व वाले एक मात्र संगठन छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ का गठन सभी जिलों में है। उसके अलावा अन्य 15 संगठन का अधिकतर जिलों में जमीनी आधार नहीं है। इसलिए 4 संगठनों का शिक्षक संघर्ष मोर्चा अच्छी खासी संख्या में शिक्षकों की भीड़ जुटाने में सफल रहेगा लेकिन भविष्य में सभी शिक्षकों की सहभागिता के लिए इन 16 संगठनों को जोड़ना भी एलबी संवर्ग शिक्षक हित में रहेगा।

आम एलबी शिक्षकों की नाराजगी ने अपील करने किया मजबूर
आम एलबी शिक्षक संगठनों के नेताओं की गुटबाजी से भारी नाराज हैं और सोशल मीडिया में जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। आम शिक्षकों की नाराजगी को भांपकर 4 संगठनों के शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सभी संगठनों से हड़ताल में शामिल होने का अपील किया है। अपील जारी होने के बाद 24 तारीख की हड़ताल में बड़ी संख्या में एलबी शिक्षक शामिल होंगे। पूर्व सेवा गणना, क्रमोन्नति, पेंशन सबकी एक मांग होने के बावजूद एक मंच पर नहीं आ रहे घमण्ड में डूबे शिक्षक नेताओं पर आने वाले समय में आम एलबी शिक्षकों का गुस्सा फूट सकता है। क्योंकि गुटबाजी के कारण ही पिछले 26 वर्षों में समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है, जबकि इस बीच बड़ी संख्या में बिना पेंशन के शिक्षक रिटायर होते जा रहे हैं।