घने जंगलों-पहाड़ों के बीच टनल के अंदर पटरी में बोल्डर रखकर हीराकुण्ड एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश नाकाम…, लोको पायलट की समझदारी से सैकड़ों यात्रियों की जान बची…,आरोपी को आरपीएफ ने किया गिरफ्तार…
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/30 दिसम्बर 2024) : बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। घने जंगलों के बीच बने भनवारटंक रेलवे स्टेशन के पास टनल (पहाड़ के अन्दर बना सुरंग जिसे स्थानीय भाषा में बोगदा कहते हैं) के भीतर पटरियों पर बोल्डर रखकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश रची गई थी। हालांकि, लोको पायलट की सतर्कता और त्वरित निर्णय से एक बड़ी घटना होने से रोक ली गई और ट्रेन में यात्रा कर रहे सैकड़ों यात्री सुरक्षित रहे।
आरोपी को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेजा
इस खतरनाक योजना को अंजाम देने वाले आरोपी को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार कोटमी चौकी, थाना पेण्ड्रा क्षेत्र के ग्राम कोलबिरा निवासी पवन सिंह ने भनवारटंक स्टेशन के पास टनल में पटरियों पर बोल्डर रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की थी। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने उसे तत्काल हिरासत में ले लिया। इस मामले में आरोपी के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153 और 174 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
घटना की जानकारी
यह पूरी घटना 29 और 30 दिसंबर की मध्यरात्रि की लगभग 12.30 बजे की है, जब ट्रेन भंवारटंक के पास से गुजर रही थी। लोको पायलट ने समय रहते पटरियों पर रखे बोल्डर को देख लिया और ट्रेन को रोककर एक बड़ा हादसा टाल दिया। रेलवे और पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
लोको पायलट की सूझबूझ से न केवल यात्रियों की जान बची, बल्कि रेल यातायात भी सामान्य रहा। यह घटना रेलवे सुरक्षा और सतर्कता के महत्व को एक बार फिर उजागर करती है।
हीराकुण्ड एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची
पेण्ड्रारोड रेलवे स्टेशन के करीब टनल में ट्रेन 20807 हीराकुंड एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश सामने आई है। रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, भनवारटंक-खोडरी के बीच अप लाइन में टनल के अंदर रेलवे ट्रैक पर तीन अलग-अलग जगहों पर नाली के स्लैब रख दिए गए थे। यह घटना 29 तारीख रात 12:30 बजे की बताई जा रही है। इस घटना को हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन के लोको-पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
बता दें, रेलवे कर्मचारी टनल के अंदर सतत निगरानी करते रहते हैं। उसके बावजूद भी रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा जाना किसी साजिश का अंदेशा हो सकता है। यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ों और घने जंगल से घिरा हुआ है। बहरहाल, रेलवे ट्रैक पर जानबूझकर पत्थर रखना बेहद खतरनाक था।
इस कारण ट्रेन नंबर 20807 (हीराकुंड एक्सप्रेस) मौके पर खड़ी रही। इसके अलावा, उसी ट्रैक से गुजरने वाली 18247 रीवा एक्सप्रेस और 12853 अमरकंटक एक्सप्रेस करीब एक से दो घंटे तक खड़ी रहीं।