पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/22 जुलाई 2024) :
अखिल विश्व गायत्री परिवार के सद्गुरु पंडित आचार्य श्रीराम शर्मा, माता भगवती देवी शर्माजी हैं। गुरु यज्ञ पुरुष हैं, असत्य से सत्य, मृत से अमृत, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।गुरु पूर्णिमा पर्व श्रद्धा, समर्पण एवं संकल्प का पर्व है। इस महापर्व में अपने सदगुरु देव के प्रति समर्पण और आस्था के आरोपण का महापर्व है।
गुरु पूर्णिमा का वास्तविक अर्थ गुरु + पूर्ण+ माँ अर्थात सर्वप्रथम मां ही पूर्ण गुरु है। तत्पश्चात गुरु ही पूर्ण मां हैं। ज्ञान को कर्म के रूप में परिणित करने की प्रेरणा देने बाबत परम गुरु भगवान व्यासजी का जन्मदिन गुरु पर्व है। ज्ञान और कर्म का मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है। भावना शील व्यक्ति अपने को जिस भी परिस्थिति में है देश, धर्म, समाज और संस्कृति के उत्थान में भाग लेते हुए कुछ ना कुछ करते रहें। किसी राष्ट्र की सशक्तता उसके मनोबल, चरित्र, देश भक्ति, दूरदर्शिता, एकता, स्वाभिमान जैसे सद्गुणों के आधार पर नापी जा सकती है। जहां इन तत्वों का अभाव हो वहां अपनी समृद्धि कितनी ही बढ़ी चढ़ी हो उसकी तुलना बालू से ही की जाएगी, जो जरा सा आघात लगने पर तहस-नहस हो सकती है। गुरु पूर्णिमा पर्व आदर्शो को अपनाने का शुभ मुहूर्त आज ही होता है। कल की प्रतीक्षा में बैठे रहने वाले की कल तो मरण के उपरांत ही आती है। सभी जाग्रत आत्माएं प्रसन्नता को विकसित करके समस्त संसार में प्रगतिशील बिखेरेंगे। हम वृक्ष की भांति गुरु सत्ता युग पुरुष आचार्य श्रीराम शर्माजी के प्रिय पात्र बने। वृक्ष स्मारकों की स्थापना करें। ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों विशेषताओं से युक्त यज्ञ पुरुष आचार्य श्रीराम शर्माजी गुरु मिले। आज स्थूल रूप से वह हमारे बीच नहीं है, परंतु सूक्ष्म रूप से हमारे और भी नजदीक हैं। परम पूज्य गुरुदेवजी आश्वासन दिए हैं कि जो भी परिजन हमसे किसी न किसी रूप से जुड़े थे उन्हें सतत प्रकाश और नवजीवन का उल्लास मिलता रहेगा। भले ही हम उन्हें ना देख पाए, लेकिन गुरुदेव की नजर हमपर हर पल हैं।
34 वर्षों से निरंतर प्रतिवर्ष गायत्री शक्तिपीठ पेण्ड्रा में गुरु पर्व मनाया जा रहा है। इस पावन पर्व पर सामूहिक यज्ञ में मुख्य यजमान प्रेमा केसरी, सीमा गुप्ता, आशा साहू, जमुना अग्रहरि, श्रेयांश द्विवेदी, प्रभा वैश्य, युग विश्वकर्मा, श्रेया द्विवेदी, ऋषभ, उर्मिला अग्रहरि, वंशिका अग्रहरि, वीणा देवी, प्रीति वैश्य, गीता अग्रहरि धैर्य, लक्ष्य कर, पुष्पा कोरी, शिवम, प्रदीप थानेकर, नीलू राय, पलक विश्वकर्मा आदि कार्यक्रम में सम्मिलित होकर गुरु के बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिए व समर्पण भाव गुरु के चरणों में समर्पित किए। एलएन वैश्य ने अपने जन्म दिवस (गुरु पूर्णिमा) के पावन पर्व पर मां के नाम से इंदिरा उद्यान के मुक्तिधाम में देव वृक्ष पीपल के पौधे का रोपण पुष्पेंद्र वैश्य के साथ मिलकर किया।