पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/27 मार्च 2024) :
गायत्री शक्ति पीठ पेण्ड्रा में होली त्यौहार के अवसर पर उत्साह, उमंग के साथ सामूहिक यज्ञ का आयोजन किया गया।
होली में छोटे बड़े का भेद भुलाकर, जनमानस एकाकार होकर तरंगित होने लगते हैं। यह राष्ट्रीय चेतना का महत्वपूर्ण सौभाग्यशाली पर्व है। नरसिंह भगवान ने अहंकार, अन्याय, अमानवीयता का दमन किया है तथा त्याग सेवा मानवता का प्रतीक के रूप में होली का त्यौहार मनाया जाता है। गायत्री शक्तिपीठ अखिल विश्व गायत्री परिवार पेण्ड्रा में होली के पावन बेला के शुभ अवसर पर सामूहिक यज्ञ उत्साह, उमंग, भाईचारे के साथ यज्ञ किया गया। सर्वेषां देवानां आत्मा यद् यज्ञः अर्थात सभी देवताओं की आत्मा यज्ञ ही है। वर्तमान समय में समाज में व्यक्ति अवसाद का जीवन जी रहा है। जबकि हमारे भारतीय संस्कृति सनातन धर्म में होली पर्व उत्साह, उमंगों का त्योहार के रूप में मनाया जाता है। अपनी बुराइयों, दूषप्रवृत्तियों का त्याग कर भाईचारे, आत्मीयता, उमंगो, उत्साहो के साथ सभी बुराईयों को भुलाकर सबसे मेल मिलाप किया जाता हैं। हमें प्रतिदिन होली पर्व की विशेषताओं के साथ जीवन जिया जाना चाहिए। विश्व व्यवस्था संरचना में भी महत्वपूर्ण प्रेरणा और दिशा दे सकने की क्षमता गायत्री मंत्र में विद्यमान हैं। गायत्री सर्वजनीय हैं। उस पर किसी देश, धर्म, समाज, संस्कृति का एकाधिकार नहीं है। उसमें (वसुधैव कुटुम्बकंब) का सिद्धांत कूट-कूटकर भरा हैं। अठारह विधाओं में मीमांसा अत्यंत श्रेष्ठ है। मीमांसा से तर्कशास्त्र श्रेष्ठ है और तर्कशास्त्र से पुराण श्रेष्ठ है। पुराणों से भी अर्थशास्त्र श्रेष्ठ है। हे! द्विज धर्मशास्त्रों से वेद श्रेष्ठ है और वेदों में उपनिषद् श्रेष्ठ हैं और उपनिषदों में गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ हैं। गायत्री शक्तिपीठ पेण्ड्रा में सामूहिक यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमे मुख्य यजमान सीमा गुप्ता, ऋचा वैश्य, प्रभा वैश्य, वीणा देवी वैश्य, कपिल श्रीवास्तव, वेदांश, लल्लूराम सोनी के सहयोग से यज्ञीय कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। यज्ञ का संचालन अध्यक्ष एल. एन. वैश्य गायत्री शक्ति पीठ के द्वारा संपन्न कराया गया।