पेण्ड्रा (छग एमपी टाइम्स/28 दिसम्बर 2023) : जीपीएम जिले के धान खरीदी समितियों में पतले धान को मोटा किस्म का बताकर खरीदी कर राइस मिलर्स को करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाने के मामले में प्रकाशित हुए खबर को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने इसे किसानों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी मानते हुए जिले के नोडल अधिकारी विनय साहू को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि जिन समितियों में पतले किस्म के धान को मोटे किस्म में खरीदी की शिकायत पाई जाए, उस समिति के विरुद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव दिया जाए।
बता दें कि जीपीएम जिले में धान खरीदी समिति प्रभारी, डीएमओ और मिलर्स की मिलीभगत से किए जा रहे भ्रष्टाचार के कारण पतले किस्म के धान को मोटा किस्म बताकर खरीदा जा रहा है। यह सिलसिला 1 नवम्बर से शुरु हुए धान खरीदी से बदस्तूर जारी है। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बदल गई लेकिन भ्रष्ट तंत्र नहीं बदला, इसलिए मिलर्स को करोड़ों रुपयों का लाभ पहुंचाने के लिए पतले धान को मोटे में बताकर खरीदी जारी है। अब कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर इसे किसानों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी का मामला मान लिए जाने के बाद उम्मीद है कि समिति प्रभारी पतले किस्म के धान को मोटे किस्म में खरीदने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे और शुक्रवार 29 दिसम्बर से खरीदी में व्यापक स्तर पर सुधार दिख सकता है।
भ्रष्टाचार का आलम ऐसा कि जिले में 98.68% मोटा और सिर्फ 1.32% पतले किस्म के धान की खरीदी हुई
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिले में 26 दिसंबर तक की स्थिति में 4,56,052 क्विंटल धान मोटे किस्म में और मात्र 6,040 क्विंटल धान पतले किस्म में खरीदे गए हैं, जबकि 80% से ज्यादा पतले किस्म का धान किसान बेचते हैं। यह पूरा गोरखधंधा गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में विपणन संघ के शह पर चल रहा है। विपणन संघ के डीएमओ के द्वारा समितियों पर दबाव डाला जाता है कि यदि मोटा किस्म दर्शाकर धान खरीदा जाएगा तो मिलर्स धान का उठाव जल्दी करेंगे अन्यथा धान के उठाव में देर से होगा जिससे खरीदी केंद्रों में धान का स्टॉक बढ़ने से खरीदी बंद करनी पड़ेगी। इस तरह का साजिश पतले धान को मोटा धान बताकर खरीदी करके राइस मिलर्स को करोड़ों रुपए का लाभ अवैध तरीके से पहुंचाने के लिए किया जाता है। इस अवैध काम में धान खरीदी केन्द्र प्रभारी, डीएमओ और राइस मिलर्स सभी शामिल होते हैं।