कोरबा लोकसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को मरवाही विधानसभा से मिली 18268 वोटों की बढ़त…,”अबकी बार 400 पार” के नारे के कारण संविधान बदले जाने की आशंका में आरक्षित वर्ग के बहुत से मतदाताओं द्वारा भाजपा के खिलाफ मतदान करने से कांग्रेस को मिला लाभ…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/05 जून 2024) :
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मरवाही विधानसभा के मतों की गिनती जीपीएम जिले में बनाए गए मतगणना स्थल में 4 जून को की गई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत की पत्नी कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को 78495 मत प्राप्त हुए, वहीं भाजपा प्रत्याशी व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे को 60227 मत प्राप्त हुए। इस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को मरवाही विधानसभा से 18268 मतों की निर्णायक बढ़त मिली, जो कि कोरबा लोकसभा में कांग्रेस की जीत में कारगर साबित हुआ। मरवाही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को मिले इतने बड़े बढ़त के कई कारण सामने आ रहे हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है कि “अबकी बार 400 पार” के नारे से नाराज होकर आरक्षित वर्ग के बहुत से मतदाताओं ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया है।

400 पार के नारे को संविधान बदलने से जोड़ा आरक्षित वर्ग ने
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य मरवाही विधानसभा क्षेत्र मरवाही में भाजपा को “अबकी बार 400 पार” के चुनावी नारा का खामियाजा उठाना पड़ा है। मरवाही विधानसभा क्षेत्र में 95% से भी अधिक आबादी आरक्षित वर्ग के लोगों की है। आरक्षित वर्ग के लोगों को कांग्रेस के कार्यकर्ता यह समझाने में सफल रहे कि 400 पार करने के बाद भाजपा संविधान बदल देगी जिससे आरक्षित वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म हो जाएगा।

बता दें कि चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं का सबसे प्रमुख नारा रहा कि अबकी बार 400 पार। वहीं बहुत से बढ़ बोले भाजपा कार्यकर्ताओं से भी चुनाव के दौरान सुनने को मिलता था संविधान में बदलाव लाने के लिए भाजपा को 400 सीट से अधिक सीट जीतना जरूरी है। भाजपा के इस नारे को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव घर-घर में प्रचार करके लोगों को यह समझाने का प्रयास किया कि यदि भाजपा 400 पार करेगी तो वह संविधान को बदल देगी जिससे आरक्षित वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म हो जाएगा। इसलिए आरक्षण को बचाने के लिए मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर आरक्षित वर्ग के मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में अपना मतदान किया।

एक लाख रुपए सालाना देने का फार्म भराने का लाभ मिला कांग्रेस को
वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने का फार्म भराया जाना भी कांग्रेस के लिए कारगर साबित हुआ। जबकि बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं में भाजपा के खिलाफ नाराजगी भी कांग्रेस के जीत का कारण बनी।

कांग्रेस का चुनावी मैनेजमेंट रहा बढ़िया, खर्च भी जमकर किया
इसके अलावा कांग्रेस की बढ़त में और जो बातें सामने आ रही हैं उसमें एक कारण यह भी है कि कांग्रेस का चुनावी मैनेजमेंट किसी भी मामले में भाजपा से कम नहीं था। हालांकि मरवाही विधानसभा क्षेत्र से सभी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को ही बढ़त मिलती आई है।

सामाजिक समीकरण का कांग्रेस को हुआ लाभ और भाजपा को नुकसान
वहीं कांग्रेस की जीत में प्रत्याशी का सामाजिक समीकरण भी एक कारण हमेशा से बनता आया है। सामाजिक समीकरण के अनुसार देखा जाए तो भाजपा के द्वारा ब्राह्मण प्रत्याशी सरोज पांडे पर दांव लगाया गया, जबकि इससे पहले के दो चुनावों में भाजपा के ब्राह्मण प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस से पिछड़ा वर्ग की प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के पति चरण दास महंत भी पिछले 15 वर्षों से मरवाही विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वह 2009 में कोरबा से ब्राह्मण प्रत्याशी स्व. करुणा शुक्ला को हराकर सांसद बने थे एवं 2014 में उन्हें पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी डॉ. बंशीलाल महतो से हार का स्वाद चखना पड़ा था। वहीं 2019 में ज्योत्सना महंत को चुनाव लड़वाया गया था, जिसमें ज्योत्सना महंत ने ब्राह्मण प्रत्याशी ज्योति नन्द दुबे को हराया था। इसलिए कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत की जीत और भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे की हार में सामाजिक समीकरण भी बहुत बड़ा कारण बना है।

5 किलो चावल देने वाला मोदी के फोटो वाले झोला ने पहुंचाया भाजपा को नुकसान
भाजपा ने मरवाही क्षेत्र के घर घर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो वाला झोला बांटा था। इस झोले में 5 किलो चावल प्रतिमाह देने की बात लिखी थी। चूंकि छत्तीसगढ़ में 7 किलो चावल प्रति व्यक्ति दिया जाता है और 3 व्यक्ति में 35 किलो चावल दिया जाता है। इस झोले को बांटने के बाद भाजपा कार्यकर्ता लोगों को यह नहीं समझा पाए कि ये 5 किलो चावल केन्द्र सरकार की तरफ से अलग से है, इससे लोगों को यह लगा कि 7 किलो चावल बंद करके 5 दिया जाएगा। इस कारण भी भाजपा को कांग्रेस से कम वोट मिले।