कोरबा लोकसभा क्षेत्र से सेवानिवृत कर्मचारी नेता कमाल खान ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की…,कांग्रेस के भूपेश सरकार से पहले से ठगाए कर्मचारियों-पेंशनरों को डीए के मामले में भाजपा ने भी ठगा और लंबित मांगों को नजर अंदाज किया…,दोनों प्रमुख दलों से नाराज कर्मचारियों के साथ-साथ लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का साथ मिलने की आस है कमाल खान को…

कोरबा।पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/27 मार्च 2024) :
जाने माने कर्मचारी नेता कमाल खान लोकसभा सीट कोरबा से ताल ठोंकने की तैयारी कर चुके हैं। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए 5 सालों तक कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करने के साथ ही मंहगाई भत्ता के अधिकार से वंचित करने का काम किया था। जिसके कारण कर्मचारी और पेंशनर्स ने भूपेश सरकार को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भाजपा पर भरोसा जताया था। भाजपा ने देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने के लिए घोषणापत्र को “मोदी की गारंटी” बताया था लेकिन सत्ता पाते ही भाजपा ने कर्मचारी और पेंशनर्स का 8 माह का मंहगाई भत्ता का एरियर्स दबाकर धोखा दिया।

कमाल खान ने कहा कि भूपेश सरकार से धोखा खाने के कारण अनियमित-संविदा कर्मचारी के साथ भी भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए लेकिन सत्ता पाते ही भाजपा का इनके प्रति भी सकारात्मक रुख अब तक नहीं दिखा।

कमाल खान ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी सरकार हो, सभी सरकार कर्मचारियों के लंबित मांगों को नजर अंदाज करते हैं करते हुए कर्मचारियों की लंबित प्रकरण का निराकरण नहीं करते। जिसके कारण कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी, पेंशनर्स, अनियमित एवं संविदा कर्मचारियों की बात को मजबूती से रखने के लिए इन्हीं के बीच से नेतृत्वकर्ता होना चाहिए, इसलिए वो कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

बता दें कि कमाल खान का जन्म छत्तीसगढ़ के चर्चित विधानसभा मरवाही में हुआ। कमाल खान इसी वर्ष सेवानिवृत हुए हैं। सेवानिवृत्त होने से पहले वे छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एवं कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन जिला- गौरेला, पेंड्रा, मरवाही कार्यकारी जिला संयोजक थे। वे 40 वर्षों से कर्मचारी संघ से जुड़े हुए हैं। वे विगत 25- 30 वर्षों से विकासखंड / तहसील मरवाही के अध्यक्ष रहे हैं। जिला- गौरेला, पेंड्रा, मरवाही बनने के बाद वे सेवानिवृत्त होते तक जिला अध्यक्ष के रूप में तीन वर्षों तक कार्य किए हैं। उनकी कार्यप्रणाली से सभी कर्मचारी वाकिफ है।

कमाल खान ने सक्रिय राजनीति में आकर कोरबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। ताकि कर्मचारियों की समस्याओं को मुखर तरीके से सांसद में उठाया जा सके। संसद में कर्मचारियों की लंबित प्रकरणों की आवाज उठाने के लिए सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लिया है एवं दावेदारी करने का मन बनाया है। कमाल खान को कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मरवाही, कोरबा, कटघोरा, रामपुर, पाली-तानाखर, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत, मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कर्मचारियों एवं मतदाताओं का भरपूर सहयोग एवं समर्थन मिलने की उम्मीद की जा रही है। वे कोरबा लोकसभा क्षेत्र के मरवाही विधानसभा के स्थानीय निवासी हैं। कमाल खान ने आरोप लगाया है कि कोरबा संसदीय क्षेत्र से विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने जिन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। वह निष्क्रिय एवं बाहरी है। जिन्हें इस संसदीय क्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है। सांसद मद की राशि का कहा उपयोग किया गया है। यह चर्चा का विषय है। इस संसदीय क्षेत्र को लोग चारागाह समझते है। इस परंपरा को तोड़ने की आवश्यकता है। मरवाही विधानसभा क्षेत्र के साथ- साथ कोरबा संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा के मतदाता मेरे सक्रियता एवं स्थानीयता के आधार पर मुझे सेवा करने का एक मौका जरूर देंगे। ताकि मैं कोरबा संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं से ईमानदारी एवं निष्ठा से सेवा कर सकूं।