रायपुर।कोरबा।जीपीएम।कोरिया।एमसीबी (छग एमपी टाइम्स/04 मई 2024) :
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के मतदाता कभी भी किसी एक पार्टी के प्रत्याशी को लगातार चुनाव नहीं जिताए हैं। कोरबा लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद ऐसा पिछले 3 चुनाव में लगातार देखा गया है। इसलिए इस बार राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय है कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र की जनता इस लोकसभा चुनाव में फिर एक बार सिटिंग पार्टी के प्रत्याशी की जगह दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को अपना सांसद चुनेगी या रिवाज बदलते हुए पुनः ज्योत्सना महंत को दिल्ली के संसद भेजेगी।
बता दें कि वर्ष 2009 में कोरबा लोकसभा लोकसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। इससे पहले कोरबा लोकसभा क्षेत्र का बहुत बड़ा इलाका जांजगीर लोकसभा में आता था। जब परिसीमन हुआ तब जांजगीर लोकसभा से पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेई की भतीजी स्व करुणा शुक्ला वर्ष 2004 से वर्ष 2009 के बीच सांसद थीं। इस दौरान वर्ष 2008 में लोकसभा एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं का परिसीमन हुआ। उस परिसीमन के बाद कोरबा लोकसभा के नाम से एक नया लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया, जिसमें काफी बड़ा क्षेत्र पुराने जांजगीर लोकसभा क्षेत्र का था।
इसलिए जब 2009 में कोरबा लोकसभा क्षेत्र में पहला चुनाव हुआ तब तत्कालीन जांजगीर लोकसभा की सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी करुणा शुक्ला को कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर चरण दास महंत से हार का सामना करना पड़ा था। कोरबा की जनता ने लगातार दोबारा करुणा शुक्ला को अपना सांसद नहीं चुना था।
उसके बाद 2014 में जब फिर से लोकसभा चुनाव आए तो जनता ने फिर से परिवर्तन करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी चरण दास महंत को हरा दिया और भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर बंसीलाल महतो को दिल्ली की संसद भेजा।
लेकिन 2019 का लोकसभा चुनाव जब आया तो फिर से कोरबा लोकसभा लोकसभा क्षेत्र की जनता ने परिवर्तन करने के अपने इरादे को पक्के तरीके से फिर दिखाया और भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनन्द दुबे को हार का स्वाद चखाकर अपने रिवाज को बरकरार रखते हुए कांग्रेस की ज्योत्सना महंत को दिल्ली की संसद में भेजा।
2024 के इस चुनाव में वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कोरबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं। लेकिन अब तक का कोरबा लोकसभा क्षेत्र का इतिहास देखा जाए तो यहां की जनता ने कभी भी एक पार्टी के प्रत्याशी को दो बार लगातार दिल्ली की संसद में जाने का अवसर नहीं दिया है। इसलिए राजनीतिक गलियारे में अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के मतदाता अपना रिवाज बदलते हुए कांग्रेस की प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को लगातार दोबारा जिताकर दिल्ली की संसद में भेजेंगे या अपने रिवाज को बरकरार रखते हुए इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को धूल चटाकर फिर से नए प्रत्याशी को दिल्ली की संसद में भेजने का अपना रिवाज बरकरार रखेंगे।