केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व अमित जोगी की मुलाकात से जोगी कांग्रेस के भाजपा में विलय की चर्चा का बाजार गर्म, जोगी कांग्रेस के विलय से भाजपा को ईसाई समुदाय से बड़ा अल्पसंख्यक चेहरा मिलेगा, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी कांग्रेस के कद्दावर राष्ट्रीय नेता रहे हैं जिनका नाम पूरे भारत देश के राजनीतिक गलियारों में जाना जाता है

दिल्ली।रायपुर।पेण्ड्रा।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/09 जनवरी 2024) :
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के बेटे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक अमित जोगी ने सोमवार को दिल्ली में गृहमंत्री और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात की है। हालांकि अमित जोगी ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है, लेकिन राजनीति में चुनाव के अवसर पर होने वाले शिष्टाचार भेंट मुलाकात से भी गहरे संदेश निकला करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अमित जोगी की मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं की जोगी कांग्रेस अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर सकती है। यदि जोगी कांग्रेस का भाजपा में विलय होता है तो भाजपा को ईसाई समुदाय से बड़ा अल्पसंख्यक चेहरा मिल जायेगा। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी कांग्रेस के कद्दावर राष्ट्रीय नेता रहे हैं जिनका नाम पूरे भारत देश में राजनीतिक हलकों में जाना जाता है। स्वर्गीय अजीत जोगी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अच्छे दोस्ताना सम्बन्ध रहे हैं।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना ली थी, जिसने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटें जीती थी। छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस के अलावा तीसरे दल के द्वारा अपना अस्तित्व बनाना छत्तीसगढ़ में बहुत ही कठिन काम था जो कि जोगी ने करके दिखाया था।

अब अजीत जोगी के निधन के बाद परिस्थितियों बदली हुई हैं, जिसका नतीजा यह सामने आया कि 2023 के विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। लेकिन इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता की विधानसभा चुनाव से दो में पहले छत्तीसगढ़ में माहौल बनाने में सत्ता विरोधी माहौल बनाने में जोगी कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी रणनीति के तहत अमित जोगी स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े थे।

क्या जोगी कांग्रेस ने अपने वोट भाजपा में शिफ्ट कर कांग्रेस को हराया ?

जिस तरह से जोगी कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में माहौल बनाया था उसके अनुरूप उसे वोट नहीं मिले। जिसे लेकर एक कयास यह लगाया जा रहा है कि अपने राजनीतिक दुश्मन भूपेश बघेल को सत्ता से बाहर करने के लिए जोगी कांग्रेस ने अपने वोट को भाजपा में शिफ्ट किया जिसके कारण भाजपा का सत्ता तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हुआ। यदि ऐसा हुआ है तो इसे अमित जोगी की सधी हुई कुशल रणनीति ही कही जाएगी कि अपने प्रत्याशियों को हारता देख उन्होंने अपने वोट को भाजपा में शिफ्ट करके अपने राजनीतिक दुश्मन भूपेश बघेल को सत्ता से बाहर करने में सफल हुए।

अब आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भी बहुत से राजनीतिक घटनाक्रम छत्तीसगढ़ में देखने को मिल सकते हैं जिसमें से एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम यह भी देखा जा सकता है कि जोगी कांग्रेस का विलय भाजपा में हो सकता है।