कूटरचना से फर्जी दस्तावेज बनाकर चोरी की मोटर सायकल बेचने वाले 2 आरोपियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 5-5 साल सश्रम कारावास का सजा सुनाया…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/16 मई 2024)
चोरी की मोटर सायकल को फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर बेचने वाले दो आरोपियों के अलग अलग धाराओं के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पांच पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।

मामला पेण्ड्रा थाना क्षेत्र का 3 मार्च 2023 का है। प्रार्थी सुधार सिंह ओलाडी को आने जाने के लिये पुरानी मोटर सायकल की जरूरत पड़ने पर सेखवा गांव के रहने वाले बजरंगी प्रजापति के संपर्क में आया, जिसने बताया कि उसका भांजा दिनेश प्रजापति अपनी डीलक्स मोटर सायकल बेचना चाहता है। जिसको दिखाने पर मोटरसायकल क्रमांक सीजी 10 ए 8023 को खोडरी के रहने वाले कैलाश के नाम से होना बतलाकर 38000 में प्रार्थी ने खरीद लिया।

वहीं बजरंगी प्रजापति ने नाम ट्रांसफर बाद में कराने की बात कही थी। इसी दौरान 23 मार्च 2023 को जांजगीर पुलिस आकर इस मोटर सायकल को चोरी का होना बताया और जब्त कर ले गयी। उसके बाद प्रार्थी की रिपोर्ट पर पेण्ड्रा थाना में अपराध दर्ज किया गया था।
   
विवेचना में पुलिस को पता चला कि आरोपी दिनेश प्रजापति चोरी के मोटर सायकल का फर्जी रजिस्ट्रेशन अपने कम्प्यूटर से तैयार करके अपने मामा बजरंगी प्रजापति से बिकवाता था। इस मामलें में फैसला सुनाते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पेण्ड्रारोड एकता अग्रवाल ने आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुये शासकीय कार्य से संबंधित दस्तावेज की कूटरचना करते हुये फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग में लाकर छल करने का दोषी माना और आरोपियों के इस अपराध को गंभीर प्रकिृति का अपराध माना और आरोपियों दिनेश प्रजापति एवं बजरंगी प्रजापति को भारतीय दंड संहिता की धारा 420/34 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और 2 सौ रूपये के अर्थदंड, धारा 467/34 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 2 सौ रूपये अर्थदंड, धारा 468/34 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और दो सौ रूपये के अर्थदंड और धारा 471/34 के आरोप में पांच पांच साल के सश्रम कारावास और दो सौ रूपये के अर्थदंड की सजा दोनो आरोपियों को सुनायी है। अर्थदंड की अदायगी में चूक होने पर एक एक माह की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं सभी सजाएं एक साथ भुगतनी होगी। इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संजीव राय ने की।