किसान से 5000 रूपये रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल वायरल होने पर कलेक्टर ने किया पटवारी को सस्पेंड…,समर्थन मूल्य में बेचने के लिए धान उपज की मात्रा सत्यापन करने पटवारी ले रहा था रिश्वत…,जीपीएम जिले में धान का सत्यापन 2 वर्ष से किसानों के लिए परेशानी का सबब और कई हल्का पटवारियों के कमाई का जरिया बना हुआ है…

किसान से 5000 रूपये रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल वायरल होने पर कलेक्टर ने किया पटवारी को सस्पेंड…,समर्थन मूल्य में बेचने के लिए धान उपज की मात्रा सत्यापन करने पटवारी ले रहा था रिश्वत…,जीपीएम जिले में धान का सत्यापन 2 वर्ष से किसानों के लिए परेशानी का सबब और कई हल्का पटवारियों के कमाई का जरिया बना हुआ है…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (CG MP TIMES/28 दिसम्बर 2024) :
खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य में धान बेचने वाले किसान के धान के उपज के सत्यापन के एवज में किसान से 5000 रूपये की रिश्वत लेते हुए ग्राम खोडरी हल्का के पटवारी मुकेश्वर नाथ साहू का वीडियो वायरल होने के बाद जीपीएम जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने रिश्वतखोर पटवारी को सस्पेंड कर दिया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में जीपीएम में धान बोनी की गिरदावली होने के बावजूद भी पिछले 2 वर्ष से धान बेचने का टोकन कटने के बाद किसानों के द्वारा पटवारी से धान की उपज एवं मात्रा का सत्यापन कराना पड़ता है। यह सत्यापन पिछले 2 वर्षों से मौखिक आदेश से चल रहा है। धान की मात्रा के सत्यापन के एवज में कई हल्कों के पटवारी किसानों से रुपयों की मांग करते हैं। अधिकतर मामलों में किसान शिकायत नहीं कर पाते क्योंकि शिकायत पर पटवारी पर कार्यवाही नहीं हुआ तो फिर पटवारी धान के उपज की मात्रा को घटा देता है, जिससे प्रभावित किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान नहीं बेच पाते हैं।

ऐसे ही मामले में ग्राम ठेंगाडांड़ के एक किसान ने हिम्मत दिखाया और धान की मात्रा को सत्यापन करने के एवज में ग्राम खोडरी हल्का, तहसील पेण्ड्रारोड के पटवारी द्वारा मांगे गए 5000 रूपये की रिश्वत को देते हुए उसका वीडियो बनवाकर वायरल कर दिया।

यह वीडियो जब कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए पटवारी मुकेश्वर नाथ साहू को सस्पेंड कर दिया।

बता दें कि कलेक्टर ने पहले ही निर्देश दिया था कि सत्यापन के नाम पर किसानों को परेशानी हुई तो संबंधितों पर कार्यवाही की जाएगी। उसके बावजूद मुकेश्वर नाथ साहू जैसे पटवारी किसानों को परेशान करने की हिमाकत किए, जिसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ी।

जीपीएम जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी निलंबन आदेश के मुताबिक, पटवारी के खिलाफ मामले की जांच में रिश्वत लेने के आरोप सत्य पाए गए हैं, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन है। इसके मद्देनजर पटवारी मुकेश्वर नाथ साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और उन्हें मुख्यालय भू-अभिलेख शाखा जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

गौरतलब है कि ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया था कि पटवारी मुकेश्वर नाथ साहू द्वारा आय, जाति, निवास और फौती नामांतरण के नाम पर भी वसूली की जा रही थी। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि स्थानीय निवासी किसान कुंवरसिंह राठौर पटवारी को 5000 रुपए देते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसे पटवारी बड़ी जल्दी से अपनी जेब में रख लेता है।

बंशीताल खरीदी केन्द्र में भी सत्यापन के नाम पर किसान से हुई थी बहस

जीपीएम जिले में उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश पर किसानों के धान का सत्यापन किसानों के लिए पिछले 2 वर्ष से परेशानी का सबब और पटवारियों के कमाई का जरिया बना हुआ है। ऐसा ही मामला बंशीताल खरीदी केन्द्र में भी सामने आया था। ग्राम रूमगा के किसान एवं अधिवक्ता अजय राय 4 दिसम्बर को टोकन कटाए थे और टोकन में मिली तारीख के अनुसार 16 दिसम्बर बंशीताल समिति में धान बेचने पहुंचे थे। पटवारी को टोकन की जानकारी होने के बावजूद उसने सत्यापन नहीं किया था। जिससे खरीदी प्रभारी और किसान अजय राय के बीच बहस हो गया था। खरीदी प्रभारी भी सत्यापन का लिखित आदेश दिखाने में असमर्थ दिखे थे। अंततः किसान का धान खरीदना पड़ा था, क्योंकि किसान टोकन में मिले नियत तारीख को धान बेचने समिति पहुंचा था।