कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेश सुविधा देने की मांग का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर एवं डीईओ को सौंपा गया, ज्ञापन में शासन को अवगत कराया गया कि मेडिकल कैशलेश सुविधा देने से शासन के खजाने पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और कर्मचारियों को चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति राशि के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/29 जनवरी 2024) :
गंभीर बीमारी के इलाज में आने वाले आर्थिक समस्या से कर्मचारियों को निजात दिलाने के लिए मेडिकल कैशलेश सुविधा उपलब्ध कराने की मांग का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में शासन को अवगत कराया गया है कि कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेश सुविधा उपलब्ध कराने से शासन के खजाने पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और कर्मचारियों को मेडिकल रीइम्बर्स्मन्ट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) राशि के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा 29 जनवरी 2024 से पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का एक अभियान चालू किया गय जिसके तहत जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में संगठन के प्रदेश संयोजक पीयूष गुप्ता, संभाग अध्यक्ष दिनेश राठौर एवं जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सोनवानी के नेतृत्व में ज्ञापन सौपा गया। प्रदेश संयोजक पीयूष कुमार गुप्ता ने मेडिकल कैशलेस के बारे में जानकारी दी की छत्तीसगढ़ के समस्त 5 लाख कर्मचारियों के लिए संगठन के द्वारा जल्द से जल्द मेडिकल कैशलेस बहाल करने की मांग शासन से की है। बता दें कि आज के समय में किसी भी कर्मचारी या व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। आज स्वास्थ्यगत समस्या से हर कोई पीड़ित है और जब उसके इलाज के लिए किसी चिकित्सालय जाना होता है तो इलाज के खर्चे से किसी भी कर्मचारी की कमर टूट जाती है या वह कर्जे में आ जाता है। कभी-कभी तो उसकी पूर्ण जमा राशि भी उसके इलाज में लग जाती है साथ ही शासन के द्वारा दिए गए सुविधा जिसमें मेडिकल रीइम्बर्स्मन्ट जैसी सुविधाओ का लाभ लेना एक टेढ़ी खीर साबित होता है इसी को देखते हुए संघ ने यह निर्णय लिया की छत्तीसगढ़ शासन प्रत्येक कर्मचारी एवं उनके परिवार के लिए एक मेडिकल कैशलेस कार्ड की सुविधा प्रदान करें जिसके माध्यम से कोई भी कर्मचारी एवं उसका परिवार किसी भी निजी चिकित्सालय में अपना इलाज निश्चिंत होकर करा सके, ना तो उन कर्मचारियों को रीइम्बर्स्मन्ट की आवश्यकता हो और ना ही किसी से कर्ज लेने की आवश्यकता और ना ही अपनी जमा पूंजी तोड़ने की आवश्यकता। आज इलाज इतना महंगा हो चुका है कि इस महंगाई में घर चलाने के साथ इलाज कराना काफी कठिन है संगठन ने कर्मचारियों की इन समस्याओं को सर्वप्रथम रखते हुए शासन से एक ही मांग रखा है की छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कर्मचारी एवं उनके परिवार के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा जल्द से जल्द लागू करें।

साथ ही यह भी बता दें कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कर्मचारी के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा प्रदान करती है तो शासन को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं उठाना पड़ेगा यह कर्मचारियों के लिए एक प्राथमिक आवश्यकता है। प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर एवं संगठन के आह्वान पर आज संगठन के द्वारा प्रत्येक जिले में मंत्री, विधायकों, कलेक्टर और विभाग अध्यक्षों के माध्यम से मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ज्ञापन कार्यक्रम रखा गया। जिसमें जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में जिला उपाध्यक्ष संजय सोनी, अजय चौधरी, राजेश चौधरी, संजय गुप्ता, अमिताभ चटर्जी, विनय राठौर, रंजीत राठौर, राजकुमार पटेल एवं शिक्षा विभाग के बहुत से साथी उपस्थित थे।