ओला वृष्टि का कई वर्षों का रिकार्ड टूटा…,गरीबों के जीवकोपार्जन का प्रमुख साधन महुआ, मुनगा और आम की पैदावार चौपट…,इनके मुआवजे की भी कोई उम्मीद नहीं…खेतों में लगे गेंहू, चना, मटर, सरसों, अलसी, मसूर, धनिया के साथ ही सब्जियां भी नष्ट हुईं… इनकी नुकसानी का मिल सकता है मुआवजा…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/21मार्च 2024) :
जीपीएम जिले में ओला वृष्टि का कई वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। पिछले 3 दिनों से बारिश और ओला वृष्टि के कारण पेण्ड्रा गौरेला मरवाही क्षेत्र में गरीबों की आमदनी का प्रमुख स्रोत महुआ की पैदावार बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। इन दिनों महुआ के फूल पेड़ से गिरने शुरु हो गए थे, जो कि ओला की मार से चौपट होने की कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं मुनगा के फूल और आम के बौर भी झड़ गए जिससे इनकी पैदावार में कमी आयेगी।

बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यहां पर मरवाही में पिछले दो दिनों में जो ओलावृष्टि हुई, उतनी कभी यहां के लोगों ने नहीं देखी थी। भयंकर ओलावृष्टि के कारण इसका असर खेतों में लगे गर्मी के धान और गेहूं की फसलों पर तो पड़ा ही साथ ही महुआ, मुनगा और आम की पैदावार भी जमकर प्रभावित हुई है। आम, मुनगा तथा महुआ इस जिले के लोगों के लिए जीवकोपार्जन का एक बहुत बड़ा आधार होता है। ऐसे में इनकी फसल पैदावार के नुकसान होने से लोगों के चेहरे पर मायूसी पसर गई है।

ये तीनों ऐसे फसल हैं कि इनकी नुकसानी का शासन से मुआवजा भी नहीं मिल सकता इसलिए इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं है।

वहीं ओलावृष्टि के कारण किसानों के खेतों में लगी अलसी, मसूर, धनिया, गेंहू, चना, मटर, सरसों इत्यादि के साथ ही सब्जियां भी नष्ट हो गई हैं। ओले की मार से भाजी के पत्ते भी खराब हो गए हैं। ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान के आंकलन के लिए कलेक्टर के निर्देश पर गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही और सकोला चारों तहसील क्षेत्र में पटवारी नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। हालांकि तात्कालिक राहत किसी भी किसान या निवासी को नहीं मिली है लेकिन नुकसान के आंकलन की शासन स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

हालांकि अब मौसम में सुधार आने की संभावना मौसम विभाग के द्वारा जताई गई है लेकिन तीन दिनों तक बारिश और ओलावृष्टि के कारण जनजीवन पर इसका खासा असर पड़ा है और लोग शासन प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाने जिला कार्यालय और तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। खेतों में लगी फसल के साथ ही साथ पेड़ों पर लगी फसल भी गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के किसानों के लिए जीवकोपार्जन का एक बहुत बड़ा आधार होता है। ऐसे में सरकार खेतों और मकान को नुकसान की भरपाई तो कर देगी पर आम और महुआ की पैदावार से होने वाले नुकसान की भरपाई कम ही होने की संभावना है।