अमरकंटक में नर्मदा मैया की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाली जगवंती जायसवाल ने 102 वर्ष की उम्र में साकेत धाम को प्रयाण किया

अमरकंटक।अनूपपुर।पेण्ड्रा (छग एमपी टाइम्स/05 फरवरी 2024) :
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में पूरा जीवन नर्मदा मैया, साधु संतो, गुरु महाराज की सेवा और कठोर नियम का पालन करते हुए श्रीमती जगवन्ती जायसवाल ने अपने जीवन के 102 वर्ष पूर्ण कर रविवार की रात्रि लगभग 9.30 बजे अंतिम सांसे ली। उनका अधिकतर समय अमरकंटक में ही व्यतीत हुआ। वे अपना आयु 102 वर्ष पूर्ण कर अमरकंटक के निज निवास में रहते हुए रात्रि 9.30 बजे साकेत धाम को प्रयाण कर गईं।

उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर समय गुरु सेवा अनंत श्री विभूषित परमपूज्य ब्रम्हलीन श्रीमहंत स्वामी रामदासजी महाराज (मौनी बाबा) शांति कुटी आश्रम की सेवा की। उनके ब्रम्हलीन पश्चात आश्रम की सेवा और गुरु भक्ति में लीन रहते हुए जीवन व्यतीत करती रहीं। श्रीमहंत रामभूषण दासजी महाराज (शांति कुटी) ने बताया कि वे हमारे गुरुजी की गृहस्थ शिष्या थी। उनका स्वास्थ्य ठीक नही है ऐसी जानकारी मिली। हम श्रीरामलला प्राणप्रतिष्ठा के बाद आज ही हम अमरकंटक पहुंचे है और हम उनका स्वास्थ्य की जानकारी लेने उनके निजनिवास पर शाम को जाकर हाल समाचार लिया। रात्रि 9.30 बजे खबर मिली की वे स्वर्ग सिधार गई। उनके पति स्वर्गीय प्रताप नारायण जायसवाल पेण्ड्रा के थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने कन्हैया लाल जायसवाल को गोद लिया था। उनके नाती पोते साथ रहते थे। अंतिम संस्कार सोमवार को नर्मदा उत्तर तट पर होगा। इस खबर से अमरकंटक नगर में शोक की लहर है।